प्रेग्नेंसी के सप्ताह दर सप्ताह महिलाओं के शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इस दौरान गर्भ में पल रहा बच्चा रात के समय मां के पेट में हिलने व किक करने लगता है। इस तरह के लक्षण महसूस होने पर महिलाओं को घबराना नहीं चाहिए। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह में महिलाओं को किस तरह के लक्षण महसूस होते हैं और इस तरह तक भ्रूण का विकास कितना होता है?
प्रेनगेंसी के 31वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण - 31th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi
प्रेग्नेंसी का हर पड़ाव महिला के लिए एक सुखद एहसास होता है। जैसे-जैसे डिलीवरी के दिन नजदीक आते हैं वैसे-वैसे बच्चा गर्भ में हिलने व किक अधिक करने लगता है। इस समय गर्भवती महिलाओं को बार-बार पेशाब आने आदि कई लक्षण महसूस होते हैं। आगे जानते हैं इस सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षणों के बारे में।
स्तनों से रिसाव होना
प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह में कई महिलाओं के स्तनों से पीले रंग तरल का रिसाव होता है। दरअसल महिलाओं का शरीर बच्चे के लिए स्तनों में दूध बनाना शुरू करता है तो सबसे पहले कोलोस्ट्रम ही आता है। इसे डिलीवरी के बाद बच्चे को पिलाया जाता है। ये एंटी बॉडीज और प्रोटीन से भरपूर होता है। इस सप्ताह में स्तनों से रिसाव होना आम बात है।
पीठ में दर्द होना
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही से जब गर्भ में भ्रूण का आकार बढ़ना शुरू करता है तब से अधिकतर महिलाओं को पीठ में दर्द की समस्या होने लगती है। ये समस्या तीसरी तिमाही में भी महिलाओं को पेरशान करती है। दरअसल पेट का आकार बढ़ने की वजह से पेल्विक एरिया पर दबाव बनता है और महिलाओं को भार संभालने में दिक्कत होती है। इसकी वजह से उनकी पीठ में दर्द होने लगता है। इस तरह की परेशानी में महिलाओं को बैठते समय कमर के पीछे तकिया रखना चाहिए। साथ ही धीमी गति से उठना व बैठना चाहिए।
सायटिका होना
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में कुछ महिलाओं को पीठ के निचले हिस्से से कूल्हे व पैरों की ओर दर्द होने लगता है। यह दर्द तब होता है जब सायटिका नर्व में सूजन या जलन होती है। सायटिक नस रीढ़ के निचले हिस्से से पैरों की तरफ जाती है। भ्रूण के वजन बढ़ने की वजह से गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिलाओं को सायटिका होना एक आम लक्षण माना जाता है। इस तरह की परेशानी होने पर महिलाओं को हॉट पैड से पीठ की सिकाई करनी चाहिए।
बार-बार पेशाब आना
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को बार-बार पेशाब आने की परेशानी हो सकती है। हार्मोनल बदलाव, शरीर में तरल पदार्थों अधिक होना व ब्लैडर पर प्रेशर पड़ना आदि वजह से महिलाओं को बार-बार पेशाब आने की समस्या होने लगती है।
यूटीआई (यूरिन ट्रैक्ट इंफेक्शन) के कारण भी महिलाओं में बार-बार पेशाब आने का लक्षण देखा जाता है। यदि महिलाओं को इस लक्षण से ज्यादा परेशानी हो रही है तो उनको अपने डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण
- सोने में परेशानी होना
- सिरदर्द होना
- बालों का घना व चमकदार होना
- सीने में जलन और कब्ज होना
प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह में भ्रूण का विकास - Fetus Development During 31th Week Of Pregnancy in Hindi
प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह में भ्रूण का वजन करीब 1.5 किलोग्राम तक हो जाता है। इस सप्ताह तक गर्भ में बच्चा अधिक सक्रिय हो जाता है। बच्चा गर्भ में तेजी से घूमना और उंगलियों को चूसने लगता है। गर्भ में एमनियोटिक द्रव बढ़ने लगता है, क्योंकि इस सप्ताह तक बच्चा पेशाब करने लगता है। इस समय तक बच्चा मां की आवाज को पहचानकर उस पर अपनी प्रतिक्रिया करने लगता है।
विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह में महिलाओं को क्या महसूस होता है?
प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह के महिलाओं को बार बार पेशाब आना, पीठ दर्द, सिरदर्द, सीने में जलन आदि लक्षण महसूस होते हैं। इसके अलावा कुछ महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में खुजली की समस्या होती है। पेट के अलावा स्तनों पर भी इस तरह की समस्या हो सकती है। लेकिन इस समस्या में आराम पाने के लिए महिलाओं को त्वचा पर मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
31वें सप्ताह में गर्भवती महिलाओं को क्या नहीं करना चाहिए?
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिलाओं को अपनी डाइट पर पूरा ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को इस समय सीने में जलन, कब्ज व देर से पचने वाले आहारों को खाने से बचना चाहिए। इस समय महिलाओं डॉक्टर से सलाह करके अपने लिए डाइट चार्ट बना लेना चाहिए। साथ ही महिलाओं को तेजी से नहीं चलना चाहिए। इससे उनके गिरने की संभावना अधिक होती है।
प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह में महिलाओं को क्या पता होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 31वें सप्ताह तक महिलाओं की प्रेग्नेंसी का ज्यादा समय बीत चुका होता है। गर्भावस्था में अधिकतर महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। इसे जैस्टेशनल हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। गर्भावस्था में महिलाओं को रक्तचाप की नियमित जांच करानी चाहिए इससे डॉक्टर को डिलीवरी के समय होने वाली कई समस्याओं के बारे में अंदाजा लग जाता है। साथ ही वह समय रहते इसे कम करने लिए भी दवाएं दे सकते हैं।