प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह तक कई महिलाओं को ऐसा महसूस होता है कि वह काफी लंबे समय से गर्भवती हैं। लेकिन ये बात ध्यान रखने वाली होती हैं कि इस सप्ताह तक उनकी डिलीवरी डेट काफी पास आ चुकी होती है। कुछ ही दिनों व सप्ताह में महिलाएं बच्चे को जन्म देने वाली होती हैं। इस समय महिलाओं को डॉक्टर से मिलकर पैदा होने वाले बच्चे के सेहत की जांच कराते रहना चाहिए। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में महिलाओं को क्या लक्षण महसूस होते है और उनके भ्रूण का विकास कितना होता है?
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण - 34th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में महिलाओं को वजन बढ़ने, हाईबीपी व सीने में जलन की समस्या के लक्षण महसूस होते हैं। इसके समय तक महिलाओं को थकान पहले कुछ सप्ताह की अपेक्षा अधिक होती है, ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि गर्भ में बच्चे का वजन तेजी से बढ़ रहा होता है। आगे जानते हैं महिलाओं को 34वें सप्ताह में महसूस होने वाले लक्षणों के बारे में।
ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रेक्शन (Braxton Hicks Contraction)
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह तक महिलाओं को ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन महसूस होने लगता है। यह लक्षण महिलाओं को पहली तिमाही में भी महसूस होते हैं। लेकिन उस समय ये संकुचन काफी हल्का होता है, जिसकी वजह से अधिक असहजता महसूस नहीं होती थी। जब महिलाओं को अधिक थकान व डिहाइड्रेशन होती है, तो उस समय ये संकुचन महसूस होने लगता है। ऐसे में महिलाओं को थोड़ी-थोड़ी देर में आराम करने और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन में आराम मिलता है।
थकान महसूस होना
प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही की तरह ही महिलाओं को 34वें सप्ताह में भी थकान महसूस होने लगती है। प्रेग्नेंसी में भ्रूण के वजन व नींद में परेशानी की वजह से थकान महसूस होना एक आम लक्षण है। इस समय ब्लैडर पर दबाव पड़ने की वजह से महिलाओं को बार बार पेशाब आने की समस्या होती है। प्रेग्नेंसी में आयरन की कमी व चिंता के कारण भी महिलाओं को थकान महसूस होने लगती है।
कब्ज की समस्या होना
प्रेग्नेंसी में लगभग आधी महिलाओं को कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन अधिक बनता है। इसकी वजह से मांसपेशियां रिलेक्स होती है, जिसमें पाचन तंत्र की मांसपेशियां भी शामिल हैं। इसके चलते आहार पाचन तंत्र में धीमी गति से घूमता है और महिलाओं को ऐसे में कब्ज की समस्या होने लगती है। इस समय महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में फाइबर युक्त आहार व पर्याप्त पानी पीना चाहिए।
स्तनों से स्राव होना
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में महिलाओं के स्तन डिलीवरी के बाद बच्चे को स्तनपान कराने के लिए तैयार हो रहे होते हैं। इस प्रक्रिया में उनके स्तनों से पीले रंग का तरल पदार्थ का स्राव होने लगता है। दरअसल डिलीवरी के बाद बच्चे के लिए ये दूध काफी पौष्टिक माना जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स व अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ये लक्षण हर महिलाओं में नहीं देखें जाते हैं। यदि किसी महिला के स्तनों से इस तरह के तरल का स्राव नहीं हो रहा हो तो उनको घबराने की आवश्यकता नहीं है।
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण
- सिर में दर्द होना
- यूरिन इंफेक्शन
- पेट का फूलना
- बवासीर की समस्या होना
- पैरों में ऐंठन होना।
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में भ्रूण का विकास - Fetus Development During 34th Week Of Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में भ्रूण का वजन करीब 2 से 2.1 किलोग्राम तक हो जाता है। इस सप्ताह में गर्भ में पल रहे शिशु के अंडकोष उसके पेट से होते हुए सही स्थिति में जा रहे होते हैं। डिलीवरी के समय तक ये सही स्थिति में पहुंच चुके होते हैं। इसके अलावा उसके अन्य अंग भी तेजी से विकसित होकर अंतिम दौर में पहुंच चुके होते हैं।
विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में पूछे जानें वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में महिलाओं को कैसा महसूस होता है?
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह तक बच्चा गर्भ में नीचे की ओर घूमता है। इस सप्ताह में अधिकतर महिलाओं को पीठ में दर्द, पेल्विक एरिया में दर्द व ब्लैडर पर दबाव महसूस होता है। लेकिन डिलीवरी के बाद जब शिशु गर्भ से बाहर आता है तो महिलाओं को सांस लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती है।
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में महिलाओं को कब चिंतित होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में पेल्विक एरिया में दर्द यदि एक घंटे में भी ठीक न हो तो महिलाओं को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा वेजाइनल ब्लीडिंग होने पर भी महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए।
34वें सप्ताह की प्रेग्नेंसी में कौन से टेस्ट कराने चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 28वें सप्ताह के बाद महिलाओं को महिने में दो बार डॉक्टरी चेकअप कराना चाहिए। इस समय डॉक्टर गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच के लिए आरएच फैक्टर, प्री-एक्लेप्सिया, अल्ट्रासाउंड व बायोफिजीकल प्रोफाइल की जांच कर सकते हैं। इससे बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में पता चलता है।