खून चढ़वाने से पहले हमेशा रखें इन 6 बातों विशेष ध्यान, ताकि न हो किसी बीमारी या संक्रमण का खतरा

 खून चढ़ना बेहद सरल मगर र‍िस्‍की प्रक्र‍िया है इसलिये आपको या पर‍िवार में क‍िसी को खून चढ़ रहा हो तो सावधानी बरतें। 

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Jan 26, 2021 12:00 IST
खून चढ़वाने से पहले हमेशा रखें इन 6 बातों विशेष ध्यान, ताकि न हो किसी बीमारी या संक्रमण का खतरा

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जब क‍िसी व्‍यक्‍ति को खून चढ़ाया जाता है तो इस प्रक्र‍िया को हम ब्‍लड ट्रॉन्‍सफ्यूजन कहते हैं पर क्‍या आप जानते हैं क‍ि आसान सी लगने वाली प्रक्र‍िया आपकी सेहत के लिये क‍ितनी र‍िस्‍की हो सकती है? तो ब्‍लड चढ़वाने से पहले क‍िन बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िये? क‍िसी भी व्‍यक्‍त‍ि को खून चढ़ाने से पहले इस बात का ध्‍यान रखना जरूरी है क‍ि खून फ्रेश हो, संक्रमण रह‍ित हो, सेम ब्‍लड ग्रुप का हो नहीं तो बीमारी या जान का खतरा हो सकता है। सेफ ब्‍लड ट्रॉन्‍सफ्यूजन को बेहतर तरीके से समझने के लिये हमने बात की लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से और ब्‍लड चढ़ने से पहले क‍ी सावधान‍ियों और खतरों को समझा। 

blood transfusion is risky

1. ब्‍लड बैग पर एक्‍सपायरी डेट चैक करें (Avoid expired blood)

आपको हमेशा लाइसेंस वाले ब्‍लड बैंक से ही ब्‍लड लेना है। इसके साथ ही आपको ध्‍यान रखना है क‍ि ब्‍लड लेने से पहले बैग पर एक्‍सपायरी डेट देख लें। 2 तरह की डेट के साथ ब्‍लड म‍िलता है। एक का अंतराल 35 दिन और दूसरा 42 द‍िन होता है। इससे पुराना ब्‍लड बैग न लें। ये इस बात पर न‍िर्भर करता है क‍ि मरीज के शरीर में हीमोग्‍लोबिन का स्‍तर क‍ितना है।  

2. खून चढ़ने से र‍िएक्‍शन तो नहीं (Blood reaction)

अगर मरीज को बुखार, घबराहट, उल्‍टी या बहुत ठंड लग रही हो तो खून चढ़ना रोक दें। ऐसा न करने पर क‍िडनी में द‍िक्‍कत हो सकती है। कई बार संक्रमित खून चढ़ने से बॉडी तुरंत र‍िएक्‍ट करती है वहीं कुछ केस में र‍िएक्‍शन बाद में पता चलता है। नॉर्मल कंडीशन में खून की 15 से 20 बूंदे हर म‍िनट के ह‍िसाब से मरीज को चढ़ाई जाती है। हालांक‍ि मरीज की हालत देखकर स्‍पीड कम या ज्‍यादा की जाती है। शुरूआत में र‍िएक्‍शन देखने के ल‍िये खून धीरे-धीरे चढ़ाया जाता है। 

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3. गलत ब्‍लड ग्रुप का खून (Side effects of blood transfusion)

wrong blood can cause harm

वैसे तो पूरी अहत‍ियात बरतते हुए खून चढ़ाया जाता है पर आपको भी इस बात का ध्‍यान रखना है कि मरीज को सेम ब्‍लड ग्रुप का खून चढ़े। ऐसा न होने पर उसकी जान भी जा सकती है।आपको इस बात का भी ध्‍यान रखना है क‍ि  जो ब्‍लड हटाया जाता है वो दोबारा इस्‍तेमाल न क‍िया जाये। क‍िसी कारण से अगर खून चढ़ना बंद क‍िया गया है तो बॉटल में बचा हुआ खून दोबारा ब्‍लड बैंक में जाता है। 

4. ड्रिप में हवा नहीं भरनी चाह‍िये (Air embolism)

अगर आपको या आपके क‍िसी र‍िश्‍तेदार को खून चढ़ रहा है तो इस बात का ध्‍यान रखें क‍ि खून चढ़ते समय पाइप में हवा न भर जाये। हवा भरने पर मरीज को गंभीर परेशानी हो सकती है। इससे बचने के ल‍िये आप ये देखें क‍ि खून की बॉटल जब खत्‍म होने वाली हो तभी ड्यूटी पर मौजूद डॉक्‍टर को बता दें ज‍िससे वो ड्रिप बंद कर दे। इसके साथ ही आपको ये भी ध्‍यान देना है क‍ि खून चढ़ते समय बाक‍ि कोई नली न चढ़ाई जा रही हो। 

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5. सैंपल ट्यूब पर स‍िग्नेचर (Labeling of blood)

आपको इस बात का ध्‍यान रखना है क‍ि आपके डोनर का खून लेने वाला डॉक्‍टर सैंपल टेस्‍ट ट्यूब पर अपने स‍िग्‍नेचर करे। इसके साथ ही इस बात का ध्‍यान रखें क‍ि लेबल पर ल‍िखी जानकारी सही हो। संक्रमण खून चढ़ने से ह‍िपेटाइट‍िस बी, सी, एचआईवी आद‍ि भी हो सकता है इसलि‍ये सावधान रहें। 

6. गलत तापमान से खराब हो सकता है डोनेटेड ब्‍लड (Temperature of blood)

अगर आप ब्‍लड चढ़वाने के ल‍िये डोनेट क‍िया हुआ ब्‍लड लेकर जा रहे हैं तो आपको ये ध्‍यान रखना है उसका तापमान 4 ड‍िग्री सेल्‍स‍ियस तक बरकरार रहे। अगर आप डोनेटेड ब्‍लड को फ्र‍िज में रख सकते हैं तो अच्‍छा है या उसे थर्माकोल के बॉक्‍स में भी रख सकते हैं। ब्‍लड को सही तापमान न म‍िलने से प्‍लाज्‍मा ऊपर और रेड सेल नीचे जम जाते हैं। ये खून चढ़ाने लायक नहीं बचता इसल‍िये तापमान का ध्‍यान रखें।

इन सब बातों का ध्‍यान रखने के साथ अपने हीमोग्‍लोब‍िन को समय-समय पर चेक करवायें। ऐसी चीज़ों का सेवन करें जि‍ससे ब्‍लड बढ़े ताक‍ि बाहरी खून न चढ़वाना पढ़े।

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