Ayurvedic Herbs For Migraine In Hindi: वर्तमान समय में लोगों में माइग्रेन की समस्या भी काफी बढ़ गई है। कभी-कभार सिरदर्द होना आम बात है, लेकिन अगर सिर में लगातार दर्द बना रहे, तो यह समस्या गंभीर हो सकती है। खराब जीवनशैली, खानपान की गलत आदतें और मोबाइल-लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल माइग्रेन का कारण बन सकते हैं। माइग्रेन में व्यक्ति को सिर में तेज दर्द होता है, जो आमतौर पर सिर के आगे भाग में होता है। अधिकतर मामलों में दर्द के साथ उल्टी, बेचैनी, उल्टी और तेज रोशनी से घबराहट महसूस होने जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। ऐसे में अकसर लोग माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए पेन किलर्स का सहारा लेते हैं। लेकिन इनका ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो माइग्रेन के इलाज में लाभकारी हैं। ये सभी हर्ब्स माइग्रेन के दर्द से तुरंत राहत दिला सकती हैं। आइए इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर रितु चड्ढा से जानते हैं माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए आयुर्वेदिक हर्ब्स -
माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए आयुर्वेदिक हर्ब्स - Ayurvedic Herbs For Migraine In Hindi
त्रिफला
माइग्रेन की समस्या में त्रिफला चूर्ण का प्रयोग काफी लाभकारी साबित हो सकता है। त्रिफला चूर्ण तीन जड़ी-बूटियों- हरीतकी, बिभीतकी और आंवला को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं। यह फेफड़ों को साफ रखता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से साइनस मार्ग को खोलने में मदद मिलती है और सिर दर्द से भी राहत मिलती है। इसके लिए रोजाना रात में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी के साथ करें।
पेपरमिंट
माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप पेपरमिंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। पेपरमिंट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हैं। पेपरमिंट की तेज खुशबू मूड को रिलैक्स करने के साथ सिरदर्द से छुटकारा दिला सकती है। माइग्रेन होने पर आप पेपरमिंट ऑयल को माथे पर लगाकर मसाज कर सकते हैं। इससे सिरदर्द की वजह से होने वाली मतली और उल्टी को रोकने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, पेपरमिंट की चाय भी सिरदर्द में राहत पहुंचा सकती है।
निरगिरि का तेल
निरगिरि का तेल स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करते हैं। यह सिर की मांसपेशियों को आराम पहुंचता है और दिमाग को शांत करता है। जिन लोगों को अकसर माइग्रेन की समस्या रहती है, वे निरगिरि के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए निरगिरि के तेल की कुछ बूदें अपने हाथ में लें। इसे अपन माथे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। इससे आपको सिर दर्द से जल्द राहत मिलेगी।
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तिल का तेल
आयुर्वेद के अनुसार, माइग्रेन वात दोष के कारण भी हो सकता है। शरीर में वात दोष बढ़ने के कारण मेंटल स्ट्रेस बढ़ जाता है, जिससे सिर में दर्द हो सकता है। तिल का तेल वात दोष को दूर करने में काफी प्रभावी है। यह न सिर्फ सिरदर्द से आराम दिलाता है, बल्कि मांसपेशियों की ऐंठन को भी दूर करता है। अगर आपको बहुत तेज माइग्रेन का दर्द हो रहा है, तो नाक के दोनों छेदों में तिल के तेल की 2-2 बूंद डालें। इससे शरीर का प्रेशर रिलीज होगा और सिरदर्द से राहत मिलेगी।
दालचीनी
दालचीनी का इस्तेमाल आमूमन हर घर की रसोई में होता है। दालचीनी की तेज सुगंध माइग्रेन के दर्द को कम कर सकती है। अगर आपको सिर में तेज दर्द उठा है, तो दो चम्मच दालचीनी पाउडर में एक पानी मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अपने माथे पर 20 से 25 मिनट तक लगाकर रखें। उसके बाद पानी से धो लें। दालचीनी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
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माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए इन आयुर्वेदिक हर्ब्स की मदद ली जा सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछकर ही इसका इस्तेमाल करें।