आज पूरी दुनिया कोरोनावायरस से लड़ रही है, बच्चे, बूढ़े, स्त्री, पुरुष सभी किसी न किसी तरह से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लगे है। कोई फलों का सेवन कर रहा है तो, कोई मॉर्निंग वॉक से अपनी सेहत बनाने में लगा है। आज के समय में बहुत से डॉक्टर की यह सलाह है की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप हल्दी, अदरक, सोंठ, पीपली, काली मिर्च से बने देसी काढ़े का सेवन करे, लेकिन अगर हम गर्भवती महिलाओं की बात करे तो उनके लिए यह सभी चीज़ें बहुत हानिकारक है क्योंकि इनकी तासीर बहुत ही गर्म होती है।
इसलिए आज हम आशा आयुर्वेदा क्लीनिक (नई दिल्ली) की डॉक्टर चंचल शर्मा से कुछ ऐसे घरेलु और आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में जानेंगे, जिससे एक गर्भवती महिला अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ा सके, ताकि वो और उनका बच्चा दोनों बीमारियों से सुरक्षित रहे।
1. ब्रह्म महूर्त में उठना:
पहला और सबसे महत्वपूर्ण है अपनी जीवनशैली को बदलना, ब्रह्म महूर्त में उठने का मतलब है सुबह 4 बजे उठना, अगर आप 4 बजे नहीं उठ सकते तो आपको हद से हद 6 बजे तक उठ जाना चाहिए।
2. प्राणायाम:
प्राणायाम करने से हमारे फेफड़े स्वस्थ रहते है जिस से श्वसन क्रिया बेहतर रहती है इसलिए आपको रोज़ाना प्राणायाम, अनुलोम विलोम या नाड़ी शोधन नियम से करना चाहिए।
3. नस्यम:
नस्यम अर्थात अपनी नाक में औषद को डालना, आपको रोज़ाना अपनी नाक में केवल 2 बूंद देसी घी या सरसों का तेल डालना है।
4. गर्म पानी से गरारे:
रोज़ाना दिन में 2 से 3 बार गरम पानी में थोड़ा-सा सेंधा नमक डाल कर गरारे करे अथवा गरम पानी से ही नहाएं क्योंकि गरम पानी से नहाने से आपका शरीर अच्छे से सैनीटाइज़ हो जायेगा।
5. धुप सेंकना जरूरी:
अगर आप सुबह 6 बजे उठते है तो 10-15 मिनट सुबह की हल्की धुप में बैठे ताकि आपके शरीर को विटामिन डी मिल सके। गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन डी बहुत ही आवश्यक है।
6. भोजन में दूध और मौसमी फलों का सेवन करें:
भोजन में दूध का सेवन ज़रूर करें और तरबूज, खरबूजा, लीची आदि जैसे मौसमी फलों का सेवन करें जिससे आपके शरीर में विटामिन सी की कमी पूरी हो, बेमौसमी फलों को खाने से बचे।
7. छाछ का सेवन ज़रूर करें:
बराबर मात्रा में दही और पानी मिला कर अच्छे से मथ लें और उस में नमक और एक चुटकी काली मिर्च डालकर पियें। छाछ पीने के फायदे क्या हैं?
8. भूख से कम खाना खाएं:
जितनी भूख हो उससे कम खाना खाएं और पहले का खाना जब तक अच्छे से पच न जाए तब तक दोबारा खाना न खाएं।
9. गर्म पानी:
पूरा दिन गर्म पानी या गुनगुने पानी का सेवन करें। फ्रिज की ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें। रोज़ाना बेलगिरी के शरबत पिएं।
10. आंवले का मुरब्बा:
आंवला हमारी रोग रातिरोधक क्षमता को बढ़ाता है इसलिए रोज़ सुबह कच्चा आंवला या आंवले का मुरब्बा खाएं। रात के समय में दूध में शतावरी पाउडर मिला कर पिएं।
अगर आपको कोई लक्षण नज़र आ रहे है तो गिलोयवटी और संशमनीवटी का सेवन करें और अगर ज़्यादा लक्षण जैसे खांसी, ज़ुखाम, बुखार आदि होने पर अपने नज़दीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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