पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्या एक आम परेशानी बनने लगी है। यह रोग विशेष रूप से अधिक उम्र में होता है। दरअसल, प्रोस्टेट एक ग्रंथि होती है, जब इसका आकार बढ़ जाता है, तो इससे कई तरह की परेशानी होने लगती है। ऐसे में व्यक्ति को पेशाब करने में परेशानी होती है। साथ ही, उनको पेशाब को रोक पाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि, इस समस्या का इलाज न किया जाए तो इससे कैंसर बनने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो कद्दू के बीज पुरुषों के प्रोस्टेट को सही रखने में मदद करता है। इस लेख में डायटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि कद्दू के बीज प्रोस्टेट के लिए कैसे फायदेमंद हैं।
प्रोस्टेट हेल्थ को समझना है जरूरी
कद्दू के बीज के फायदों के बारे में जानने से पहले, प्रोस्टेट हेल्थ के महत्व को समझना महत्वपूर्ण है। प्रोस्टेट ग्रंथि, पुरुष प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होती है। यह वीर्य के उत्पादन में भूमिका निभाती है और स्पर्म को बाहर की निकालने में मदद करती है। जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, प्रोस्टेट विभिन्न स्थितियों के प्रति संवेदनशील हो सकता है, जिसमें (बिनाईन प्रोस्टेटिक हाईपरप्लेसिया) बीपीएच (बढ़ा हुआ प्रोस्टेट) और प्रोस्टेट कैंसर शामिल हैं। हेल्दी लाइफ के लिए प्रोस्टेट को स्वस्थ बनाए रखना आवश्यक है।
कद्दू के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्व
कद्दू के बीज को पेपिटास भी कहा जाता है। यह कद्दू के गूदे से प्राप्त छोटे हरे बीज होते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के आवश्यक विटामिन, मिनरल्स और फायदेमंद पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिसमें शामिल हैं-
जिंक
कद्दू के बीज जिंक से भरपूर होते हैं। जिंक एक मिनरल है, जो प्रतिरक्षा कार्य, सेल बनाना और हार्मोन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिंक की कमी को प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं से जोड़ा गया है, जो प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए इसके महत्व को उजागर करता है।
फाइटोस्टेरॉल
यह कोलेस्ट्रॉल के समान होता है और संभावित प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता हैं। बीटा-सिटोस्टेरॉल, कद्दू के बीजों में एक प्रसिद्ध फाइटोस्टेरॉल, जो बीपीएच के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट
कद्दू के बीज में विटामिन ई और कैरोटीनॉयड जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से निपटने में मदद करते हैं। यह गुण समग्र प्रोस्टेट हेल्थ में योगदान कर सकते हैं।
फैटी एसिड
कद्दू के बीज ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड सहित हेल्दी फैट का स्रोत प्रदान करते हैं। ये फैट सूजन को कम करने सहित कई शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक हैं।
मैग्नीशियम
यह मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है। साथ ही, अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है।
कद्दू के बीज और प्रोस्टेट हेल्थ
हेल्थलाइन के अनुसार एक अध्ययन में पाया गया कि कद्दू के बीज का तेल कुछ प्रकार के प्रोस्टेट विकास को रोक सकता है। ऐसा माना जाता है कि टेस्टोस्टेरोन बीपीएच के विकास में एक भूमिका निभाता है, हालांकि यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।
अन्य थियोरी यह कहती है कि डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन, जो टेस्टोस्टेरोन का एक शक्तिशाली मेटाबोलाइट है, यह प्रोस्टेट में बनता है और इसके बढ़ने का कारण हो सकता है। कद्दू के बीज में मौजूद फाइटोकेमिकल्स प्रोस्टेट पर डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, टेस्टोस्टेरोन के डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन में बदलने को भी रोक सकते हैं।
अपने आहार में कद्दू के बीज शामिल करें?
यदि आप संभावित प्रोस्टेट स्वास्थ्य लाभों के लिए अपने आहार में कद्दू के बीज शामिल करने पर विचार कर रहे हैं, तो यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- कद्दू के बीजों को कच्चा या हल्का भूनकर भी खाया जा सकता है।
- कद्दू के बीजों को अपने स्नैकिंग रूटीन में शामिल करें। अतिरिक्त पोषण बढ़ाने के लिए आप इसे दही या दलिया में मिला सकते हैं।
- स्वाद और पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए सलाद, सूप या भुनी हुई सब्जियों पर कद्दू के बीज को छिड़कर कर सेवन कर सकते हैं।
- इसके अलावा, आप स्मूदी में भी कदूद के बीज को शामिल कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : सौंफ वाला दूध पीने से दूर होगी कब्ज और मजबूत रहेगा पाचन तंत्र, जानें इसके अन्य फायदे
कद्दू के बीज को आप डेली डाइट में शामिल कर पर्याप्त पोषण प्राप्त कर सकते हैं। इसके सेवन से आपको कोलेस्ट्रॉल व हार्ट संबंधी समस्याओं में भी आराम मिलता है। यदि आपको किसी तरह का रोग है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही कद्दू के बीज का सेवन करें।