प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह के अनुभव महसूस होते हैं। इस दौरान महिलाओं को भावनात्म और शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। पहली बार प्रेगनेंट होने वाली महिलाओं के लिए यह एक खास अनुभव होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण उनको कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसमें आप मॉर्निंग सिकनेस को भी शामिल कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी में लगभग हर महिला को इस लक्षण का सामना करना पड़ता है। लेकिन, कुछ महिलाओं को ज्यादा मॉर्निंग सिकनेस हो सकती है। साईं पॉलीक्लीनिक की डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि मॉर्निंग सिकनेस के गंभीर लक्षण दिखाई देने के क्या कारण होते हैं और इसका बचाव कैसे करें?
मॉर्निंग सिकनेस क्यों होती है? - What Is Morning Sickness in Hindi
मॉर्निंग सिकनेस में महिलाओं को अक्सर जी मिचलाने और उल्टी होती है। आमतौर पर गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान होती है, हालांकि कुछ मामलों में यह पूरी गर्भावस्था के दौरान भी बनी रह सकती है। अधिकांश महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण हल्के हो सकते हैं। इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ता है। जबकि, कुछ महिलाओं इस समस्या के गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं, ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
मॉर्निंग सिकनेस को प्रभावित करने वाले कुछ मुख्य कारक - Common Factor For Morning Sickness In Hindi
- हार्मोनल बदलाव: हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से गर्भावस्था हार्मोन ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी), एचजी को ट्रिगर करने में भूमिका निभाते हैं। एचसीजी का हाई लेवल अक्सर गंभीर मॉर्निंग सिकनेस वाली महिलाओं में पाया जाता है।
- आनुवंशिक कारण: कुछ स्टडी से पता चलता है कि एचजी के आनुवंशिक कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। जिन महिलाओं के परिवार में सुबह के समय गंभीर मॉर्निंग सिकनेस का इतिहास होता है, उनको भी इसके गंभीर लक्षण होने का खतरा अधिक हो सकता है।
- अन्य स्वास्थ्य स्थितियां: पहले से मौजूद चिकित्सीय स्थितियां, जैसे कि थायराइड या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर, एचजी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, मोशन सिकनेस या माइग्रेन यदि परिवार में पहले किसी को हो तो ऐसे में महिलाएं को भी यह समस्या हो सकती हैं।
मॉर्निंग सिकनेस को कम करने उपाय - How To Prevent Morning Sickness In Hindi
गंभीर मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए आप आगे बताए उपायों को अपना सकते हैं।
- दवाएं: स्री रोग विशेषज्ञ आपको मतली और उल्टी को कम करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं। ये दवाएं राहत प्रदान कर सकती हैं। साथ ही, महिलाओं को भोजन कम करने की सलाह दी जाती है।
- डाइट में बदलाव: महिलाओं को एक बार में ज्यादा खाने की जगह पर मील को कई पार्ट में बांटने की सलाह दी जाती है। साथ ही, जिन चीजों को खाने से ज्यादा उल्टी होती है, उनसे दूर रहने की सलाह दी जाती है। लेकिन, इस दौरान पौष्टिक चीजों को लेना चाहिए।
- फैमिली सपोर्ट: मॉर्निंग सिकनेस की समस्या में महिला को फैमिल सपोर्ट की आवश्यकता होती है। ऐसे में परिवार के लोगों को महिला को इमोशनली सोपर्ट करना चाहिए। ताकि, वह इस दौरान महसूस होने वाले लक्षणों से परेशान न हो पाएं।
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प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके गंभीर लक्षण बेहद कम महिलाओं को महसूस होते हैं। लेकिन, इस समय डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए। कई बार स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए किसी भी समस्या को अनदेखा न करें।