कुछ लोगों को अक्सर सांस लेने में परेशानी, सीने में जकड़न और खांसी की समस्या रहती है। इस तरह के लक्षण अस्थमा की ओर इशारा करते हैं। यह एक सांस से जुड़ी समस्या है। प्रदूषण, मौसम का बदलना और धुआं इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। इस समस्या के कारण कई बार व्यक्ति की जान तक चली जाती है। अस्थमा का अटैक आने पर मरीज को इन्हेलर के द्वारा दवा दी जाती है, जो अस्थमा के अटैक को शांत करती है। इससे मरीज के फेफड़े खुलते हैं और वह आसानी से सांस ले पाता हैं। लेकिन, कई बार घर के घुआं भी इस समस्या का मुख्य कारण बन सकता है। मणिपाल अस्पताल व्हाइटफील्ड के पल्मोनरी मेडिसिन की कंसल्टेंट डॉक्टर शीतल चौरसिया से जानते हैं कि क्या घर में खाना बनाने और मोमबत्ती का धुआं अस्थमा का कारण बन सकता है।
घर का घुंआ किस तरह से अस्थमा का कारण बन सकता है? - How can house dust and fumes cause asthma in Hindi
डॉक्टर के अनुसार विशेष रूप से धुआं, तेज गंध या प्रदूषक जैसे उत्तेजक पदार्थ, अस्थमा के शुरुआती दौर वाले मरीजों को प्रभावित कर सकते हैं। यह स्थिति हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को धुएं और प्रदूषण से दूरी बनानी की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार हम घर के अंदर के घुएं पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि घर में खाना बनने के दौरान होने वाले घुएं और मोमबत्ती का धुआं भी अस्थमा रोगी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। रंगीन और सुगंधित मोमबत्तियों में मौजूद कई कैमिकल्स ऐसे होते हैं, जो अस्थमा के अटैक को ट्रिगर कर सकते हैं। इससे रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में सूजन और अन्य समस्याएं हो सकती है। इस दौरान व्यक्ति को खांसी, गला खराब होना, सांस लेने में परेशानी और सीने में जकड़न की समस्या हो सकती है।
अस्थमा के अटैक से बचने के उपाय - Prevention Tips Of Asthama Attack In Hindi
- बिना सुगंध वाली या गंधहीन मोमबत्तियों का इस्तेमाल करें ।
- घर में वेंटिलेशन रखें। किसी भी धुएं को घर फैलाने न दें। यदि घर में धुआं हो, तो तुरंत खिड़की और दरवाजों को खोलें।
- घर में मोमबत्ती का उपयोग न करें। इसके अलावा, किचन के धुएं को बाहर करने के लिए किचन में एग्जॉस फैन या चिमनी का उपयोग करें।
- अस्थमा से पीड़ित कुछ व्यक्तियों को भी एलर्जी होती है। एलर्जी के कारण की पहचान करें और उससे दूरी बनाएं।
- सांस संबंधी योग करें। इससे आपके फेफड़े मजबूत होते है और आपको फफड़ों से जुड़ी समस्या में आराम मिलता है।
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सांस की समस्या होने पर इस अनदेखा न करें। घर में धूल और धुएं से बचने का प्रयास करें। साथ ही अस्थमा का अटैक आने पर खुली जगह पर जाएं और इन्हेलर को अपने साथ रखें। इसके अलावा, डॉक्टर से मिलकर अपने रोग का इलाज कराएं।