यहां अवसाद का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि हमारे आस पास लोगो की कमी है। हम बहुत से लोगो से घिरे रहने के बाद भी खुद को अकेला महसूस कर सकते हैं। इस अकेलेपन में हमें किसी भीड़ की जरूरत नहीं होती बल्कि हमें किसी अपने की जरूरत होती है जो हमें समझ सके। जिससे बात करके हमे अच्छा महसूस हो। इस अवस्था के दौरान हमें खुद को बाकी दुनिया से अलग रखना अच्छा लगता है। अकेलापन गंभीर भी हो सकता है और स्थितिअनुसार भी । आज हम गंभीर (क्रोनिक) अवसाद महसूस होने के लक्षणों, कारणों व स्वास्थ्य से जुड़े उसके प्रभावों के बारे में में जानेंगे।
परंतु सबसे पहले हमें यह पता होना चाहिए कि अकेलापन होता क्या है और यह कितने प्रकार का होता है?
मुख्य तौर से ये दो प्रकार का होता है : गंभीर व स्थिति वश।
क्षणिक या स्थिति वश (situational loneliness)
इस प्रकार का अवसाद अस्थिर होता है और थोड़ी देर के बाद ठीक हो जाता है। इस प्रकार का अकेलापन तब महसूस होता है जब हमारा कोई प्रियजन हमसे दूर कहीं ट्रिप या काम के सिलसिले में चला जाता है।
इस समय होने वाला दुख व अकेलापन कुछ ही समय के लिए होता है। यह थोड़ी देर में ठीक हो जाता है। इसे सिचुएशनल लोनलीनेस कहा जाता है।
गंभीर अवसाद या अकेलापन (chronic loneliness )
इस प्रकार का अवसाद लंबे समय के लिए होता है व इसके ठीक होने का समय निश्चित नहीं होता। यह इंसान की मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। यदि वह चाहे तो कुछ हफ़्तों में ही खुद को इस अकेलेपन से निकाल सकते हैं ।
यदि आप किसी दुख से ज्यादा परेशान है तो यह अकेला पन कुछ महीने व सालों तक भी रह सकता है। इसका उदाहरण है जब आप अपने किसी प्रिय को हमेशा के लिए खो देते हैं तो उस समय होने वाली परेशानी कब तक रहे इसका कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
गंभीर अवसाद के कारण
- गंभीर अवसाद आपके दुखी व उदास मन से गहरे रूप से जुड़ा हुआ है। इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जोकि इस प्रकार हैं।
- जब आप सामाजिक जान पहचान से कतराते हों। अर्थात् जब आप किसी के भी साथ रहना पसंद ना करते हों।
- जब आपके पास मानसिक तौर से सपोर्ट करने वाला कोई इंसान न हो जिस से आप अपनी सारी बाते सांझा कर सकें।
- जब आपके पास धन की कमी हो। धन की कमी भी आप पर मानसिक तौर पर बहुत असर डालती है। यदि आपकी वित्तीय स्थिति ठीक न हो या कमजोर हो तो भी आपको बहुत परेशानी व डिप्रेशन हो सकता है जो अकेलेपन से बहुत जुड़े हुई तथ्य हैं।
- पारिवारिक स्थिति में बदलाव। हो सकता है आप का कोई प्रिय सदस्य आपसे कही दूर चला गया हो या फिर कोई दुनिया से चला जाता है तो हमे उस गम से आगे बढ़ने में बहुत मुश्किल महसूस होती है।
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गंभीर अवसाद के लक्षण
कई बार आपको डिप्रेशन या लोनलीनेस की समस्या होती है लेकिन हम इसको ऐसे ही हमारे मूड परिवर्तन समझ कर टाल देते हैं परन्तु इसके कुछ लक्षण होते हैं जिन की वजह से हमें ये जानने में मदद मिलती है कि यह समस्या हल्के में लेने की नहीं है। आप चाहे तो इसे किसी मानसिक विशेषज्ञ को भी दिखा सकते हैं। इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं।
- कोई भी काम में मन न लगना।
- हर समय उदास व परेशान रहना।
- खुद को आशाहीन व डिप्रेशन में महसूस करना।
- समय पर नींद न आना व देर से उठना।
- बहुत कम भूख लगना व जल्दी बीमार होना।
- वजन में बदलाव।
- आत्महत्या के ख्याल आना।
- यदि आपको यह लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आप को जल्द से जल्द किसी मानसिक विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए व अपनी सारी परेशानी किसी व्यक्ति से शेयर करनी चाहिए ,जिसपर आप भरोसा कर सकें।
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स्वस्थ पर असर (Health issues)
- गंभीर अवसाद एक बहुत ही सीरियस इश्यू है। इसको आप हल्के में ना टाले। यदि आपको किसी भी तरह के अवसाद के लक्षण महसूस हो रहे हैं ,तो यह आपकी जान भी ले सकता है। इसलिए समय रहते आपको अपने लिए कोई सटीक कदम उठाने की आवश्कता है। यह बीमारी आपके स्वास्थ्य पर भी बहुत नेगेटिव असर डालती है।
- यदि आप किसी बात से दुखी हैं य आपको मानसिक तनाव है तो आपको डिप्रेशन व ओवर्थिंकिंग की समस्या होना सम्भव है। आपका मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्त्वपूर्ण होता है जितना की आपका शारीरिक स्वास्थ। इसलिए आपको मन से स्वस्थ रहने की भी
- आवश्यकता है अन्यथा आपको कई तरह के रोग जैसे वजन बढ़ना या बहुत कम हो जाना या फिर इम्यूनिटी का बहुत कम होना आदि हो सकते हैं। आप एक अस्वस्थ लाइफस्टाइल की ओर चले जाएंगे।
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