Common Mental Health Issues Faced By Women During Ivf Treatment In Hindi: आईवीएफ ट्रीटमेंट किसी भी महिला के लिए सहज जर्नी नहीं होती है। इसकी कई वजहें हैं, जैसे नेचुरल तरीके से मां न बनने का दुख और इस प्रक्रिया के दौरान होने की शारीरिक समस्याएं। ऐसे में, महिलाओं के लिए अपनी मेंटल हेल्थ को स्थिर रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। उन्हें कई तरह की मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आईवीएफ ट्रीटमेंट से गुजर रही महिलाओं को चाहिए कि वे इस बारे में जानें और अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर करने के लिए विशेष उपाय आजमाएं।
डिप्रेशन हो सकता है - Depression
आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरोन, महिलाएं जब किसी अन्य महिला को बच्चों के साथ देखती है, तो वह अपने इमोशंस को संभाल नहीं पाती। इस दौरान वह न चाहते हुए दुखी, उदास और निराश हो जाती है। यह सब डिप्रेशन के ही संकेत हैं।
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चिंता हो सकती है - Anxiety
आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिला के अंदर यह डर रहता है कि कहीं अगर उसका यह ट्रीटमेंट फेल हो गया, तो क्या होगा? इस तरह की आशंकाए, उसे गहरे चिंता में धकेल देती है। हालांकि, इन दिनों उन्हें हर कोई उन्हें बेहतर माहौल देने की कोशिश करते हैं। इसके बावजूद, मन में बैठे अंजाने डर से वह जीत नहीं पाती और चिंतित रहने लगती है।
बार-बार मूड स्विंग होना - Mood Swing
आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिला का बहुत ज्यादा मूड स्विंग होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि प्रक्रिया के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, ट्रीटमेंट के दौरान कई बार शारीरिक दर्द भी झेलना पड़ता है। जिससे उसके मन उदासीन और चिड़चिड़ेपन से भर जाता है।
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अक्सर दुखी रहना - Sadness
कई बार ऐसा होता है कि किसी महिला का आईवीएफ ट्रीटमेंट फेल हो गया है, बल्कि ऐसा एक बार नहीं, कई बार भी हो सकता है। दरअसल, डॉक्टर हमेशा यह स्पष्ट करते हैं कि आईवीएफ ट्रीटमेंट सौ फीसदी गर्भधारण की गारंटी नहीं होते हैं। हालांकि, इसमें रिस्क होता है। मगर बहुत सारी महिलाओं को आईवीएफ ट्रीटमेंट के कारण मां बनने का सुख नसीब हो सका है। लेकिन, जिस महिला को बार-बार आईवीएफ फेलियर का सामना करना पड़ता है, वे अक्सर दुखी रहने लगती है। समय के साथ-साथ उसका दुख बढ़ सकता है।
आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर कैसे बनाएं
- ट्टरीटमेंट के दौरान महिलाओं को अकेले नहीं रहना चाहिए।
- उनके पार्टनर को चाहिए कि वे हमेशा अपनी पत्नी का साथ दे। जब भी डॉक्टर के पास जाना हो, वे साथ जाएं।
- आईवीएफ ट्रीटमेंट करा रही आईवीएफ ट्रीटमेंट महिलाओं को किसी तरह की तकलीफ या समस्या है, तो उसका जिक्र अपने करीबी से करे।
- मन में कोई आशंका या डर को जगह न बनने दें।
- कई बार ऐसा होता है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान कुछ दवाईयां महिलाओं के इमोशंस में उतार-चढ़ाव ला सकती है। ऐसी स्थिति में आप चाहें, तो डॉक्टर से सलाह लेकर, अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव कर सकते हैं।
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