Myths And Facts About Anal Cancer In Hindi: गुदा का कैंसर यानी एनल कैंसर (Anal Cancer), एक गंभीर प्रकार का कैंसर है। इसका विकास गुदा और गुदा की नलिकाओं में होता है। पिछले कुछ समय में यह लोगों में काफी तेजी से पैर पसार रहा है। आंकड़ों की मानें, तो अमेरिका में हर साल लगभग 8,000 कैंसर के मामले सामने आते हैं। अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए, तो यह समय के साथ शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है और आपके जीवन के लिए खतरा बन सकता है। हालांकि, अगर इसका समय पर निदान कर लिया जाता है, तो इसका सफलतापूर्वक इलाज संभव है। लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि लोगों में गुदा के कैंसर को लेकर तरह-तरह की गलत धारणाएं हैं। कुछ लोग तो बवासीर या पाइल्स को ही गुदा के कैंसर से जोड़ देते हैं, जबकि गुदा का कैंसर पूरी तरह से एक अलग स्थिति है। इसके अलावा, भी एनल कैंसर से जुड़े कई मिथक समाज में लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं। इन मिथकों की सच्चाई जानने के लिए हमने DY पाटिल हॉस्पिटल, पुणे के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. समीर गुप्ता (Professor and HOD, Department of Surgical Oncology) से बात की। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं..
एनल कैंसर से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई- Myths And Facts About Anal Cancer In Hindi
1. एनल कैंसर और कोलन कैंसर समान होता है
डॉ. समीर के अनुसार, "यह धारणा पूरी तरह गलत है। दोनों ही स्थितियां एक दूसरे से अलग होती हैं। दोनों का इलाज भी अलग-अलग तरीके से किया जाता है। बहुत से लोग जिनको एनल कैंसर होता है, वे भी अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को कोलोरेक्टल यानी कोलन कैंसर बताते हैं। आपको यह समझने की जरूरत है कि कोलन कैंसर पेट की आंतों में होता है, जबकि एनल कैंसर गुदा और गुदा की नलिकाओं में होता है।"
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2. सिर्फ कामुक या एनल सेक्स करने वाले लोगों को गुदा का कैंसर होता है
यह सही है कि ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) एनल कैंसर के प्रमुख जोखिम कारकों में शामिल है। यह लोगों में बहुत आम है। हालांकि, गुदा का कैंसर, या अन्य एचपीवी-संबंधित कैंसर होने का अर्थ यह नहीं है कि आप सक्रिय रूप से एचपीवी से संक्रमित हैं या आप हाल ही में इस वायरस से संक्रमित हुए हैं। क्योंकि एचपीवी संक्रमण और परिवर्तित कोशिकाओं को कैंसर में बदलने दशकों लग जाते हैं। वहीं एनल सेक्स करना गुदा के कैंसर का जोखिम कारक हो सकता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आपको किसी को एनल सेक्स की वजह से ही कैंसर हुआ है।
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3. गुदा कैंसर के इलाज के लिए कोलोस्टॉमी बैग की आवश्यकता होती है
गुदा के कैंसर का सबसे आम प्रकार स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा गुदा की लाइन वाली कोशिकाओं में बनता है। इसके इलाज के लिए आमतौर पर रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। अधिकांश रोगियों को एनल कैंसर के इलाज लिए न तो सर्जरी की आवश्यकता होती है और न ही कोलोस्टॉमी बैग की।
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