Dengue Malaria And Chikungunya: बारिश की शुरुआत होते ही वेक्टर बोर्न डिजीज का खतरा बढ़ने लगता है। बरसात की वजह से जगह-जगह पर पानी भर जाता है, इसके कारण घरों के आसपास मच्छर तेजी से पनपते हैं। यही कारण है कि मानसून के बाद डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के मरीज बढ़ जाते हैं। हर साल हजारों लोगों की डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के कारण मौत हो जाती है। इन बीमारियों में सही समय पर उचित इलाज न मिल पाने की वजह से मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। चिकनगुनिया और डेंगू दोनों की संक्रमण मच्छरों के काटने से होते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया तीनों ही बीमारियां बेहद खतरनाक होती हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया में सबसे खतरनाक कौन है और बचाव के लिए किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया में सबसे खतरनाक कौन है?- Dengue Malaria And Chikungunya in Hindi
डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया तीनों ही खतरनाक संक्रमण होते हैं। इन बीमारियों में बुखार, तेज सिरदर्द, कमजोरी और थकान, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ये तीनों संक्रमण भले ही बरसात के बाद तेजी से फैलते हैं, लेकिन तीनों अलग-अलग संक्रमण माने जाते हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि ये तीनों संक्रमण बेहद खतरनाक माने जाते हैं। इनमें से किसी भी समस्या को सामान्य समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे संक्रमणों के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं और डॉक्टर इन समस्याओं में अलग-अलग तरीके से इलाज भी करता है।
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1. डेंगू- Dengue
डेंगू मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है। एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से डेंगू का संक्रमण फैलता है। डेंगू के मच्छर घरों के आसपास जमा पानी में पनप सकते हैं। डेंगू से संक्रमित होने पर मरीज को तेज बुखार, शरीर और मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी व थकान जैसे लक्षण दिखते हैं। इसकी वजह से शरीर में प्लेटलेट काउंट भी कम होने लगता है। हालांकि डेंगू से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से इसका संक्रमण दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। डेंगू बुखार में सही समय पर इलाज न मिलने के कारण यह समस्या गंभीर स्थिति में पहुंच जाती है। इसकी वजह से मरीज को ब्लीडिंग भी हो सकती है। सही समय पर इलाज न मिलने की वजह से मरीज की मौत भी हो सकती है।
2. चिकनगुनिया- Chikungunya
चिकनगुनिया भी मच्छरों के काटने से होने वाला रोग है। यह समस्या चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) से फैलती है। इस बीमारी की वजह से आपके जोड़ों और मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है। इसकी वजह से मरीज को तेज बुखार के साथ सिरदर्द, शरीर में कमजोरी व थकान, जी मिचलाने और आंखों के लाल होने की समस्या होती है। इस बीमारी में मरीज को लिक्विड डाइट लेने और शरीर में पानी की कमी से बचने की सलाह दी जाती है। चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्ति को लंबे समय तक बेड रेस्ट करने की जरूरत होती है। सही समय पर इलाज न मिलने पर चिकनगुनिया से संक्रमित मरीज की मौत भी हो सकती है।
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3. मलेरिया- Malaria
मलेरिया की बीमारी परजीवी से संक्रमित मच्छरों के काटने की वजह से फैलती है। इससे संक्रमित मरीजों में बुखार के साथ ठंड लगना और कंपकंपी जैसे लक्षण देखे जाते हैं। ऐसे लोग जो पहले से सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें मलेरिया का संक्रमण होने पर गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। इस संक्रमण में मरीज के फेफड़ों में लिक्विड जमा हो जाता है। इसकी वजह से मरीज की किडनी और लिवर को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है। सही समय पर उचित इलाज मिलने से मरीज को ठीक किया जा सकता है।
डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों में बुखार एक कॉमन लक्षण है- बुखार। इसके अलावा मरीजों को जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं होती हैं। चिकनगुनिया होने पर मरीज की मांसपेशियां गंभीर रूप से कमजोर हो जाती हैं और डेंगू में मरीज का प्लेटलेट काउंट तेजी से कम होने लगता है। इसके अलावा मलेरिया में मरीज को बुखार के साथ ठंड लगने की समस्या होती है।
डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाव के उपाय- Dengue Malaria And Chikungunya Prevention in Hindi
डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां बारिश के मौसम में तेजी से फैलती हैं। मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारियों से बचने के लिए आपको घरों के आसपास पानी नहीं जमा होने देना चाहिए। इसके अलावा बाहर निकलते समय पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिए। रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। शरीर की इम्यूनिटी ठीक रखने के लिए खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन बीमारियों में लक्षणों को नजरअंदाज करने से आप गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं। सही समय पर इलाज न मिलने से मरीज की मौत भी हो सकती है।
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