बदलते दौर में हमारे खान पान में भी काफी बदलाव आए हैं। पहले के मुकाबले आज के समय में लोगों को डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं ज्यादा हो रही हैं। इन सब की वजह सिर्फ और सिर्फ खराब जीवन शैली और खान पान में लापरवाही है। पेट में दर्द, गैस, सीने में जलन और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं, लेकिन आमतौर पर ये सब चिंता का कारण नहीं होतीं। हालांकि, कई बार ये लक्षण किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा करते हैं। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल के जनरल फिजीशियन डॉक्टर विनय भट्ट के अनुसार कुछ डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स काफी कुछ एक सी लगती हैं। लेकिन बावजूद इसके रोगी अपनी समस्या को लेकर डॉक्टर से खुलकर बात नहीं करते और न ही इन पाचन संबंधी परेशानियों को पहचान पाते हैं। इन परेशानियों की बात करने में हिचक व कभी कभी शर्मिंदगी महसूस करते हैं। जबकि कुछ बातों का ध्यान कर इस समस्या से कुछ राहत मिल सकती है। जानिए अपनी समस्या को कैसे पहचान सकते हैं और क्या है उसका इलाज।
सीने में जलन (Heart Burn)
यदि अक्सर आपको सीने में जलन की समस्या परेशान करते हैं तो इसका कारण जीइआरडी (GERD) भी हो सकता है, यानी गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स (Gastroesophageal Reflux)। यह एक तरह का डाइजेशन से सम्बंधित रोग है। इसमें कभी कभी व्यक्ति को दर्दनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है। साथ ही उसे कुछ भी निगलने में तकलीफ हो सकती है। इससे संबंधित व्यक्ति को पेट में ऐंठन की समस्या के साथ एसोफैगल कैंसर तक का खतरा झेलना पड़ सकता है। इसके लक्षणों की बात करें तो उसको छाती में जलन महसूस होगी और मुंह में खट्टा स्वाद बना रहेगा। इससे बचने के लिए आप लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का इस्तेमाल कर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के साथ ही एसिड को बढ़ने से भी रोक सकते हैं।
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पेप्टिक अल्सर (Digestive Problem- Peptic Ulcer)
अगर आपको पेट में दर्द की समस्या है तो आप इसे नजरअंदाज ना करें। अगर आपको अल्सर होने का जरा सा भी संदेह है तो, आप किसी अच्छे स्पेशलिस्ट की मदद लें। अल्सर की समस्या से आपका पेट और छोटी आंत बुरी तरह से प्रभावित होती है। जो धूम्रपान करने से बढ़ती है। कभी कभी पेप्टिक अल्सर की वजह से अंदरूनी रक्तस्त्राव होने लगता है। जो को गैस्ट्रिक कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है। अल्सर का इलाज करने के लिए आप एंटीबायोटिक दवाओं का विकल्प चुन सकते हैं। जो 10-12 दिन में बन रही एसिड में कमी कर आराम देती हैं। अधिक गंभीर समस्या में सर्जरी आवश्यक होती है।
पेट में दर्द की समस्या (Inflammatory Bowel Digestive Problem)
डाइजेस्टिव प्रॉब्लम में से एक आंतों में सूजन होना शामिल है। जिसकी वजह से पेट में दर्द और दस्त की शिकायत हो सकती है। क्रोहन या अल्सरेटिव कोलाइटिस, दो सबसे आम आंतों की सूजन वाले रोग हैं। इस में गुदा से रक्तस्त्राव या वजन घटने की समस्या होने लगती है। जो अल्सर का कारण बन जाता है। ऐसे में आपको तुरंत इलाज की जरूरत होगी। आप एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं। जो किसी बड़े खतरे को टाल सकते हैं।
आंतों की सूजन (Digestive Disorder of the Intestines)
आंतों में किसी भी तरह का विकार आपको ऐंठन, सूजन या दस्त जैसी पाचन समस्या दे सकता हैं। ये एक लंबे समय तक चलने वाली समस्या है। ओवर-द-काउंटर उपाय का इस्तेमाल करें। अगर आपको मल त्याग करने में एक सप्ताह का वक्त हो गया है तो आप जुलाब खा सकते हैं। इससे पेट साफ़ हो जाएगा। आपने सही समय पर इसका इलाज नहीं किया तो ये बवासीर की समस्या भी बन सकता है। नियमित व्यायाम, पर्याप्त पानी पीने और फाइबर रिच फूड खाने से, साथ में साबुत अनाज, फलों और सब्जियों का सेवन आपको कब्ज से बचा सकता है। इसके अलावा चिकित्सक की सलाह से ऐसी दवाइयों का सेवन करें जिनसे आपकी कब्ज की समस्या कम हो सकती है।
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सीलिएक रोग (Digestive Problem-Celiac Disease)
डाईजेशन से जुड़ी ये सबसे ज्यादा फैलने वाली बिमारी है। इसमें आपको राई, जौ, गेंहूं और अन्य अनाजों में मिलने वाले प्रोटीन छोटी आंत पर ट्रिगर करते हैं। इसके लक्षणों की बात करें तो पेट में दर्द और सूजन, दस्त, उल्टी, कब्ज की समस्या झेलनी पड़ती है। इसका कोई खास इलाज नहीं है। आप खान पान में नियंत्रण रखकर ही इससे छुटकारा पा सकते हैं।
अगर बार बार आपका डाईजेशन सिस्टम आपको परेशान कर रहा है तो, आप विशेषज्ञ की मदद लेने में बिलकुल भी देरी ना करें। हमारे देश में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट सम्बंधित कई हॉस्पिटल्स हैं जहां आप अपना अच्छा इलाज करवा सकते हैं ।
डॉक्टर विनय भट्ट, जनरल मेडिसिन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल से बातचीत पर आधारित।
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