क्या आप जल्द ही मां बनने वाली हैं? प्रेगनेंसी का आखिरी महीना सबसे नाजुक होता है इसलिए होने वाली मां के मन में बहुत से सवाल होते हैं। इस दौरान प्रेगनेंट महिला के शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं। इन बदलावों को देखते हुए डॉक्टर विशेष रूटीन फॉलो करने की सलाह देते हैं ताकि डिलीवरी के समय कोई कॉम्प्लीकेशन न हो। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम बात करेंगे नौवें महीने में आपकी डाइट, अच्छी सेहत और किन चीजों को आपको अवॉइड करना है। अगर आप इस रूटीन को अच्छी तरह फॉलो कर लें तो प्रेगनेंसी में आपको किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। इस पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ सुधा वर्मा से बात की।
प्रेगनेंसी के नौवां महीने में क्या नहीं करना है? (Things to be avoided in last month of pregnancy)
कुछ लोग सी फूड खाते हैं पर आप प्रेगनेंट हैं और आखिरी महीना चल रहा है तो सी फूड खाना अवॉइड करना चाहिए। सी फूड में ओमेगा 3 की अच्छी मात्रा पाई जाती है पर प्रेगनेंसी के नौवे माह के दौरान ओमेगा 3 पचाने में दिक्कत हो सकती है। इसी के साथ आपको जंक और ऑयली फूड से भी दूरी बनानी है। चटपटी और मसालेदार चीजों से पेट संबंधी बीमारी हो सकती है जो कि आखिरी महीने में रिस्की है। भारतीय घरों में हर दिन चाय का कॉफी बनती है पर आपको इसका सेवन नहीं करना है। ऐसा करना आपके और बच्चे की सेहत के लिए ठीक नहीं है। कैफीन का सेवन बिल्कुल भी न करें। ये होने वाले बच्चे के लिए खासतौर पर खतरनाक होता है। अगर आप किसी कारण से कैफीन युक्त चीजों का सेवन करती हैं तो दिन में 200 ग्राम से ज्यादा कैफीन इंटेक न करें। इसके साथ ही आपको एल्कोहॉल का सेवन भी नहीं करना है। तंबाकू से दूर रहें। अगर आपको कुछ भी खाने से शरीर में बदलाव महसूस हो तो उसे नजरअंदाज करने के बजाय गाइनोकॉलोजिस्ट से संपर्क करें।
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प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में डाइट कैसी होनी चाहिए? (Diet for last month of pregnancy)
आप नौवे महीने में चुकंदर के जूस का सेवन करें इससे खून की कमी दूर होगी। आखिरी महीने में घी का सेवन भी सेहत के लिए अच्छा होता है। ज्यादातर केस में प्रेगनेंट महिला एक साथ जरूरत से ज्यादा खाना खा लेती है क्योंकि बच्चे के लिए खाना जरूरी है पर अगर आप ऐसा करती हैं तो ये सही नहीं है। आपको थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाना है। एक साथ ज्यादा खा लेने से आपको अपच हो सकती है और आखिरी माह में ये समस्या बड़ी बन सकती है। इसलिए आप हल्का खाना खाएं। सीजनल फ्रूट्स और वेजिटेबल को डाइट में शामिल करें। कई बार पोषक तत्व की कमी से भी कॉम्प्लीकेशन हो जाते हैं इसलिए सीजन की चीजें डाइट में जरूर शामिल करें। आपको शरीर में हो रहे हर छोटे बदलाव पर ध्यान देना है और कोशिश करें ज्यादा आराम करें।
आखिरी महीने में क्या खाएं? (What to eat in 9th month of pregnancy)
- 1. आपको खाने में आयरन जरूर लेना है। इससे शरीर में खून की कमी नहीं होगी। एनीमिया की वजह से कई मांओं को परेशानी होती है। आप ऐसी गलती न करें। आपको अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, दाल, मीट, बींस, नट्स को शामिल करना है। सोयाबीन, चिकन, मछली भी अच्छा ऑप्शन है।
- 2. इसके साथ ही आपको कैल्शियम रिच डाइट लेनी है। हड्डियों के लिए ये बहुत जरूरी है। अगर आप कैल्शियम इंटेक अच्छी रखेंगी तो प्रेगनेंसी के बाद होने वाले जोड़ों के दर्द से आपको जल्द मुक्ती मिल जाएगी। आखिरी महीने में कैल्शियम खाने से होने वाले बच्चे की हड्डियां भी मजबूत बनती है। आपको दूध, दही, संतरा,तिल के बीज जरूर खाना चाहिए।
- 3. आखिरी महीने में होने वाले बच्चे का विकास लगभग पूरा हो जाता है इसलिए इस समय वजन बढ़ चुका होता है। इस समय बच्चे के वजन से आपको पाचन संबंधि शिकायत हो सकती है। इससे बचने के लिए आप फाइबर इंटेक फूड लेना न भूलें। फल, मल्टीग्रेन ब्रेड, खजूर आदि में फाइबर होता है। आपको विटामिन सी के लिए अंगूर, कीवी, संतरा, शिमला मिर्च जरूर खाना चाहिए। इसके साथ ही बॉडी के लिए फॉलिक एसिड बहुत जरूरी है। आखिरी महीने में आप अंकुरित अनाज, एवोकाडो का सेवन करें।
- 4. आखिरी महीने में बच्चे के वजन के कारण मांसपेशियों में खिंचाव आने से दर्द होता है जिससे बचने के लिए आपको गुनगुने पानी का सेवन करना है। इससे अंदर की मांसपेशियों को आराम मिलेगा और बॉडी में अचानक दर्द नहीं उठेगा।
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स्ट्रेस फ्री रखेगी ब्रीथिंग प्रैक्टिस (Breathing practice for stress free pregnancy)
आखिरी महीने में मांओं को अक्सर स्ट्रेस में देखा जाता है। बच्चे की टेंशन या लेबर पेन या ऑपरेशन के डर से वो पैनिक हो जाती है। इससे बचने के लिए आपको ब्रीथिंग प्रैक्टिस की मदद लेनी है। ये इसलिए जरूरी है क्योंकि जितनी फ्रेश एयर आपके शरीर में जाएगी आप उतना फ्रेश और स्ट्रेस फ्री महसूस करेंगी। बच्चे के लिए ऑक्सीजन जरूरी है इसलिए आप सिंपस ब्रीथिंग प्रैक्टिस से मानसिक तनाव, हाई बीपी, सिरदर्द से छुटकारा पा सकते हैं। अगर आपको नींद नहीं आती है तो ब्रीथिंग प्रैक्टिस आपको स्लीपिंग डिस्ऑडर से भी मुक्ती दिलाती है। गहरी सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इससे बॉडी पेन भी दूर होता है। आप सीधे बैठ जाएं और पेट से सांस लें ताकि पेट फूले। कुछ सेकेंड के लिए हवा को रोककर रखें फिर धीरे-धीरे निकालें। इसके अलावा आप अनुलोम-विलोम की मदद भी ले सकते हैं। उसके लिए आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। सांस भरकर 10 तक गिने और दाएं नथुने से उंगली हटाकर बाएं पर रखें। आपको ऐसा 10 बार करना है। दिन में 3 से 4 बार आप इसे कर सकती हैं।
तो इन आसान तरीकों की मदद से आप अपने और अपने बच्चे की सेहत सुनिश्चित कर सकती हैं।
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