अल्जमाइमर और पागलपन दोनों ही मस्तिष्क से संबंधी रोग है। इन दोनों को ही आप लक्षण, कारण, वास्तविक स्थिति और उपचार आदि के आधार पर अलग-अलग कर सकते हैं। फिलहाल, यदि अल्जाइमर की बात करें तो यह अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलता है। समय के साथ रोगी की स्थिति खराब होने लगती है। इसमें मस्तिष्क में कुछ प्रोटीन इकट्ठा होने लगते हैं। इसमें ब्रेन सिकुड़ने लगता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाओं धीरे-धीरे डैमेज होने लगती है। इसमें व्यक्ति की याद्दाश्त चली जाती है या उसको जीवन की कुछ विशेष घटनाएं याद नहीं रहती है। जबकि पागलपन में व्यक्ति को कुछ भी याद नहीं रहता है। वह सिर्फ कल्पना में ही रहता है। डॉ. रजत चोपड़ा, कंसलटेंट न्यूरोलॉजी, नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम से जानते हैं कि अल्जाइमर और पागलपन में क्या अंतर होता है।
अल्जाइमर और पागलपन के बीच क्या अंतर होता है? - Alzheimer’s Vs Madness in Hindi
अल्जाइमर और पागलपन के कारणों में अंतर
अल्जाइमर रोग - अल्जाइमर रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो मस्तिष्क में असामान्य रूप से प्रोटीन जमा होने से होता है। इससे ब्रेन के सेल्स प्रभावित होते हैं और डैमेज होने लगते हैं। यह रोग मुख्य रूप से शारीरिक परिवर्तन की वजह से होता है।
पागलपन - पागलपन के कारण कई रोग हो सकते हैं, जैसे सिज़ोफ्रेनिया, बाईपोलर डिसऑर्डर, गंभीर रूप से डिप्रेशन आदि। इन स्थितियों में अक्सर ब्रेन शारीरिक परिवर्तनों की बजाय आनुवंशिक और मनोवैज्ञानिक सहित अन्य कारणों से प्रभावित होता है।
अल्जाइमर और पागलपन के लक्षणों बीच अंतर
अल्जाइमर रोग - अल्जाइमर मुख्य रूप से कॉग्नेटिव कार्यों को प्रभावित करता है, जिससे मेमोरी लॉस, कुछ समझ न आना व बोलने में परेशानी होना शामिल है। इसके अलावा, एक ही बात को बार-बार दोहराना, रोजमर्रा के कामकाज करने में परेशानी होना, घर का पता भूल जाना, और कुछ चीजों को याद न रख पाने की समस्या हो सकती है।
पागलपन के लक्षण - पागलपन में व्यक्ति को कई लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसमें भ्रम (झूठी धारणाएं), कल्पना को सही मानना, मूड में बदलाव होना और सोचने की प्रक्रिया में गड़बड़ी को शामिल किया जाता है। इसमें व्यक्ति को कभी ज्यादा खुशी, तो खभी ज्यादा दुख होने लगता है।
अल्जाइमर और पागलपन के शुरुआती समय में अंतर
अल्जाइमर रोग - अल्जाइमर आमतौर पर 65 वर्ष की आयु के बाद देखने को मिलता है। हालांकि, कुछ मामलों में यह कम 40 उम्र के आसपास भी हो सकता है। इसमें व्यक्ति को मेमोरी लॉस की समस्या होती है, जो बाद में कॉग्नेटिव लॉस (हाथ-पैरों के संचालन में परेशानी) में पबदल सकती है।
पागलपन के शुरुआती समय - पागलपन से जुड़े मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर बचपन या किशोरावस्था सहित किसी भी उम्र में प्रकट हो सकते हैं। पागलपन की शुरुआत हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। किसी में लोगों को बार-बार पागलपन के दौरे पड़ते हैं, जबकि कुछ में यह समस्या बेहद कम होती है।
अल्जाइमर और पागलपन के उपचार के बीच अंतर
अल्जाइमर रोग - अल्जाइमर रोग का वर्तमान में कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के इस्तेमाल से इसके लक्षणों को कम करने का प्रयास किया जाता है और इसकी बढ़ने की गति को कम किया जा सकता है।
पागलपन - पागलपन के सही कारणों की पहचान कर उस रोग के दूर करने के लिए सही इलाज को अपनाया जा सकता है। आज ब्रेन की समस्याओं को दूर करने के लिए कई इलाज उपलब्ध हैं। ऐसे में डॉक्टर सबसे पहले मरीज के रोग की पहचान करते हैं। जिसके बाद मरीज को उचित इलाज देकर सही किया जा सकता है।
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अल्जाइमर और पागलपन दोनों ही ब्रेन से संबंधित विकार हैं। पागलपन में ब्रेन के कई रोगों को शामिल किया जाता है। इसे किसी एक रोग से समझ पाना बेहद मुश्किल है। ब्रेन न्यूरोलॉजिकल और सिंग्नलस में विकार के कारण भी पागलपन की स्थिति हो सकती है। ब्रेन से जुड़ी किसी भी समस्या को नजरअंदाज किए बिना आप तुरंत डॉक्टर से मिलें।