Difference Between IVF and IUI in Hindi: इंफर्टिलिटी का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है। इसका कारण है लाइफस्टाइल से संबंधित समस्याएं। आज के समय में बीमारियां गंभीर रूप ले रही हैं। 30 साल से कम उम्र के लोग भी डायबिटीज, थायराइड, मोटापा, हाई बीपी जैसी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। इसका असर उनकी प्रजनन क्षमता पर पर पड़ता है। जो दंपति कुदरती तौर पर कंसीव नहीं कर पाते, वे तकनीक की मदद से माता-पिता बनने के सपने को पूरा करते हैं। इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पास मुख्य रूप से दो तरीके मौजूद हैं। पहला है आईवीएफ और दूसरा है आईयूआई। इन दोनों ही प्रक्रिया में काफी अंतर होता है। आईवीएफ और आईयूआई के बीच का अंतर समझने के लिए हमने IVF Specialist, Birla Fertility & IVF Center, Lucknow and Obstetrics and Ex Dean Gynaecology Department, KGMU Lucknow Dr (Prof) Vinita Das से बात की। आईवीएफ के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ओनलीमायहेल्थ ने एक मुहिम शुरू की है जिसका नाम है #KhushkhabriWithIVF आगे जानते हैं आईवीएफ और आईयूआई से जुड़ी जरूरी जानकारी।
आईवीएफ क्या है?- What is IVF For Pregnancy
आईवीएफ का मतलब है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization), इस प्रक्रिया में इंजेक्शन की मदद से महिला के अंडाशय से एग को बाहर निकाला जाता है। इसे लैब में स्पर्म के साथ मिलाया जाता है। जब भ्रूण का निर्माण हो जाता है, तो अच्छे भ्रूण का चयन करके उसे गर्भाशय में रख दिया जाता है। इस तरह नौ महीने बाद, शिशु का जन्म होता है। आईवीएफ का चयन तब किया जाता है, जब फैलोपियन ट्यूब में डैमेज हो, यूटेराइन फाइब्राइड की समस्या हो, पीसीओएस या पीसीओडी हो या अस्पष्टिकृत बांझपन की स्थिति में भी ऐसा होता है।
आईयूआई क्या है?- What is IUI For Pregnancy
आईयूआई को इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन (Intrauterine Insemination) है। इस तकनीक में डॉक्टर पुरुष के शुक्राणु की अशुद्धता को हटाकर, कैथेटर की मदद से शुक्राणु को गर्भाशय में डाला जाता है। गर्भाशय में भ्रूण का प्राकृतिक निर्माण होता है और सामान्य प्रसव प्रक्रिया के जरिए शिशु का जन्म होता है। आईयूआई का चयन तब किया जाता है जब स्पर्म काउंट अच्छा नहीं होता, आनुवांशिक बीमारी को आगे वाली पीढ़ी में जाने से रोकने के लिए या गर्भाशय ग्रीवा की समस्या होने पर।
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आईवीएफ और आईयूआई में क्या अंतर है?- Difference Between IVF and IUI
आईवीएफ तकनीक की सफलता दर, आईयूआई से ज्यादा होती है। जबकि आईयूआई ज्यादा आसान और कम खर्चीला उपाय है। आईयूआई का प्रयोग तब किया जाता है जब पुरुष में किसी तरह की प्रजनन समस्या हो या सर्वाइकल से संबंधित शिकायत हो।आईवीएफ में भ्रूण की गुणवत्ता परखी जा सकती है, जबकि आईयूआई में यह संभव नहीं है। आईवीएफ में जटिल समस्याओं के बाद भी प्रेग्नेंसी प्लान कर सकते हैं जबकि आईयूआई में रिपोर्ट्स का सामान्य होना जरूरी है।
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आईवीएफ और आईयूआई में से क्या बेहतर है?- Is IVF Better Than IUI
आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलिजेशन) और आईयूआई (इंट्राउटेराइन इंसीमिनेशन) में से क्या ज्यादा बेहतर है, यह जानने के लिए हमें कई कारकों को समझना होगा। हर कपल की प्रजनन समस्याएं अलग होती हैं। इसलिए दोनों में से किसी एक उपचार को सही बताना ठीक नहीं है। आईवीएफ और आईयूआई दोनों ही प्रजनन उपचार हैं। दोनों प्रक्रियाओं में से आईवीएफ को ज्यादा प्रभावी माना जाता है। जिन महिलाओं में प्रजनन समस्याएं ज्यादा जटिल होती हैं, उन्हें डॉक्टर आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने की सलाह देते हैं।
अगर आप शादी के 1 साल बाद भी कंसीव नहीं कर पा रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें। एक्सपर्ट की सलाह पर दोनों में से किसी एक प्रक्रिया की मदद से आप माता-पिता बन सकते हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें। आईवीएफ से संबंधित अन्य जानकारी के लिए पढ़ें ओनलीमायहेल्थ का आईवीएफ सेक्शन।