अल्जाइमर एक गंभीर समस्या है, जो आमतौर पर बुजुर्गों में देखी जाती है। पिछले कुछ सालों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हर साल 21 अगस्त को गों वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाकर लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है। अल्जामर पर कई फिल्में भी बनी हैं, जो लोगों की मानसिक स्थिति के महत्तव को समझाती हैं। ये फिल्में आपको अल्जाइमर और डिमेंशिया से बाहर निकालने और इसे गहराई से समझने में आपकी मदद कर सकती है। आइये जानते हैं इन फिल्मों के बारे में।
1. ब्लैक
साल 2005 में आई अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी की फिल्म ब्लैक अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसे रोगों पर प्रकाश डालती है। इस फिल्म में अमिताभ अल्जाइमर के मरीज होते हैं। इसमें वे एक अध्यापक का किरदार निभाते हैं, जिसे आगे चलकर अल्जाइमर की समस्या हो जाती है। ऐसे में वे काफी कंफ्यूज्ड और लोगों से कतराते हैं।
2. मैंने गांधी को नहीं मारा
"मैंने गांधी को नहीं मारा" फिल्म भी डिमेंशिया और अल्जाइमर पर आधारित है। इस फिल्म में एक्टर अनुपम खेर प्रोफेसर का किरदार निभाते हैं, जिसमें उन्हें डिमेंशिया की बीमारी हो जाती है। खास बात यह है कि फिल्म में डिमेंशिया में दिखने वाले लक्षणों और व्यवहार में होने वाले बदलाव पर प्रकाश डाला गया है। इस फिल्म को देख आप आसानी से डिमेंशिया और अल्जाइमर बढ़ने की प्रक्रिया और लक्षणों को समझ सकते हैं।
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3. लिस्टन अमाया
फारुक शेक, स्वरा भास्कर और दिप्ति नवल की फिल्म लिस्टन अमाया में मेंटल हेल्थ के कुछ सीन्स दिखाए गए हैं, जिसमें अल्जाइमर और डिमेंशिया के बारे में बताया गया है। ऐसे में डिमेंशिया में दिखने वाले शुरूआती लक्षणों के बारे में बात की गई है। इस फिल्म को देखकर आप अपने भीतर बढ़ रहे मेंटल इलनेस को पहचान सकते हैं।
4. द फादर
द फादर फिल्म भी डिमेंशिया और अल्जाइमर पर आधारित है। इस फिल्म में एंथनी हॉपकिन्स एंथनी का किरदार निभा रहे हैं, जिसमें वे डिमेंशिया से पीड़ित होते हैं। दरअसल, फिल्म में उनकी बेटी एनी उन्हें छोड़कर लंदन चली जाती है, जिसके बाद वे अकेले पड़ जाते हैं और उनमें डिमेंशिया के लक्षण नजर आने लगते हैं। ऐसे में उन्हें कंफ्यूजन रहती थी। दरअसल, इस फिल्म को दिखाकर मेडिकल के छात्रों को डिमेंशिया के बारे में भी बताया गया है।
अगर आप अल्जाइमर या फिर डिमेंशिया के मरीज हैं तो ऐसे में इन फिल्मों को देख सकते हैं। इन्हें देखने से आप फिल्म में दिख रहे अल्जाइमर के लक्षणों से खुद में हो रहे बदलावों को समझ पाएंगे। इन फिल्मों को देख आप इस बीमारी को आसानी से समझ सकते हैं। फिल्म ब्लैक और द फादर आदि में इस बीमारी को मैनेज करने की टिप्स के बारे में भी बताया गया है।