प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। इस दौरान कई इंफेक्शन प्रेग्नेंट महिलाओं से बच्चों तक हो सकता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ग्रुप बी स्ट्रेप इंफेक्शन (जीबीएस) हो सकता है। यह संक्रमण मलाशय व योनि में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की वजह होता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के समय यह मालूम ही नहीं होता है कि वह जीबीएस से संक्रमित हैं। ऐसे में डिलीवरी के समय बच्चे को बैक्टीरिया से इंफेक्शन होने की समस्या हो सकती है। ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकस संक्रमण बुजुर्गों, शिशुओं और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को हो सकता है। इस लेख में साईं पोलिक्लीनिक की स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से जानते हैं गर्भावस्था के दौरान महिला को ग्रुप बी स्ट्रेप क्यों होता है और इससे बच्चे को क्या खतरा हो सकता है।
ग्रुप बी स्ट्रेप होने के कारण - Causes Of Group B Strep In Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रुप बी स्ट्रेप बैक्टीरिया आमतौर अधिकतर महिलाओं की आंतों, वजाइना और मलाशय में पाया जाता है। अधिकतर महिलाएं जिनमें पहले से ही बैक्टीरिया होता है, उनमें किसी तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यह संक्रमण का मुख्य कारण ग्रुप बी स्ट्रेप बैक्टीरिया होता है। यह इंफेक्शन बच्चे तक ट्रांसफर हो सकता है और जन्म के पहले सप्ताह में बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
इसे भी पढ़ें : बच्चों में लिवर इंफेक्शन होने पर दिखाई देते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे किया जाता है इसका इलाज
ग्रुप बी स्ट्रेप के लक्षण क्या हैं?
अधिकतर महिलाओं को इस बैक्टीरिया की वजह से किसी तरह के लक्षण महसूस नहीं होते हैं। लेकिन, कुछ महिलाओं और बुजुर्गों को आगे बताए गए लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- सांस लेने में परेशानी होना,
- बुखार आना और ठंड लगना,
- थकान महसूस होना,
- छाती में दर्द,
- मांसपेशियों में जकड़न,
शिशुओं को जीबीएस होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं?
- शिशु का बार-बार रोना,
- बच्चे को भूख न लगना,
- कमजोरी महसूस,
- बच्चे की चिड़चिड़ापन, आदि।
इम्यूनिटी पावर कमजोर होने के कारण बच्चों को इस संक्रमण में सेप्सिस, निमोनिया और मेनिन्जाइटिस हो सकती है।
क्या ग्रुप बी स्ट्रेप प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण को प्रभावित कर सकता है?
यह संक्रमण गर्भ में पल रहे बच्चे को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन, नॉर्मल डिलीवरी के समय यह बैक्टीरिय शिशु को प्रभावित कर सकता है। प्रेग्नेंसी के समय एंटीबायोटिक्स दवाएं लेने से इंफेक्शन को दूर किया जा सकता है।
ग्रुप बी स्ट्रेप का इलाज कैसे किया जाता है? What Is The Treatment For Group Strep In Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रुप बी स्ट्रेप की पुष्टि होने के बाद ये इंफेक्शन मां से बच्चे को होने का जोखिम बढ़ जाता है। इस इंफेक्शन को दूर करने के लिए गर्भवती महिलाओं को एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। डिलीवरी से पहले महिलाओं को एंटीबायोटिक दवाएं इसलिए दी जाती है, क्योंकि डिलीवरी के समय यह बैक्टीरिया बच्चे को ट्रांसफर हो सकता है।
इसे भी पढ़ें : बच्चों को ज्यादा पसीना क्यों होता है? जानें इसके कारण और बचाव के तरीके
गर्भधारण के दौरान महिलाओं को यदि किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है।