बालों को रंगना
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- Pros and Cons of hair coloring
- Types of hair color
- Hair colour tips
- Natural hair colour tips
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बालों का रंगना या हेयर कलरिंग (hair colouring in hindi) आज कल फैशन में आ गया है और दुनिया भर में बहुत से लोग इस फैशन ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं। जबकि पहले ऐसा नहीं था। कुछ सालों पहले बाल सिर्फ वही लोग रंगवाते थे जिनके बाल सफेद होते थे पर अब सब बदल गया है। आज कल ट्रेंड बदल गया है और लोग अपने बालों को अलग-अलग रंगों से कलर करवा रहे हैं। पर प्रश्न ये है कि कैमिल्स वाले रंगों से बालों की कलरिंग करना क्या बालों की सेहत के लिए फायदेमंद है (Is hair color good for your hair)? दरअसल, ये सब आपके बालों की कलरिंग करने वाले एक्सपर्ट पर निर्भर करता है और कलरिंग के बाद बालों के रख रखाव और सावधानियों पर, जिसके जुड़ी कोई भी गड़बड़ी आपके बालों को खराब कर सकती है। तो आइए जानते हैं हेयर कलरिंग से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
बालों को घर पर रंगे या किसी पेशेवर से कलरिंग करवाएं?
अगर आप पहली बार अपने बालों को रंग रहे हैं तो आपको निश्चित रूप से किसी पेशेवर के पास जाना चाहिए। एक पेशेवर हेयर स्टाइलिस्ट आपको सही सुझाव दे सकता है कि आपकी त्वचा की टोन के साथ कौन सा रंग सबसे अच्छा लगेगा। इसके अलावा, एक हेयर कलरिंग एक्सपर्ट आपको बता सकता है कि आपको किस से एलर्जी हो सकती है और किससे नहीं। इसलिए पहली बार ये काम घर पर न करें।
हेयर कलरिंग के फायदे और नुकसान - Pros and Cons of hair coloring
हर चीज के कुछ फायदे और नुकसान होते हैं। इसलिए आपको हेयर कलरिंग करवाने से पहले एक्सपर्ट से बात कर लेनी चाहिए। साथ ही आपको हेयर कलरिंग के फायदे और नुकसानों के बारे में भी जानना चाहिए, ताकि आपको अपने फैसले पर बाद में परेशान न होना पड़े। तो आइए सबसे पहले जानते हैं हेयर कलरिंग के फायदे
हेयर कलरिंग के फायदे- Pros of hair coloring
1. आप अलग दिख सकते हैं (Different look)
हेयर कलरिंग से आप अपने आप को पूरी तरह से एक अलग और बदला हुआ रूप दे सकते हैं, क्योंकि आपके बाल आपके व्यक्तित्व को दिखाने में एक बड़ा हिस्सा निभाते हैं। कभी-कभी प्राकृतिक बालों की तुलना में, रंगे हुए बाल एक के चेहरे पर अधिक सूट करते हैं और यह उनकी सुंदरता को बढ़ाता है।
2. एक अलग टोन देता है (different tones)
हेयर कलर बहुत सारे अलग-अलग टोन में उपलब्ध हैं, जो आपके बालों को खूबसूरत और स्टाइलिश लुक दे सकता है। इसलिए अगर आप अपने एक लुक को देख-देख कर परेशान हो गए हैं, तो आप चेहरे की अलग टोनिंग के लिए कलर के अलग-अलग शेड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. आपके व्यक्तित्व में थोड़ा बदलाव लाता है (gives you a different personality)
बालों के रंगों में बदलाव आना आपके में भी बदलाव लाने का काम कर सकता है। कुछ लोग अपने कपड़ों के साथ खुद को व्यक्त करते हैं जबकि कुछ लोग अपने बालों के रंग, मेकअप और व्यक्तित्व के चयन के साथ ऐसा करते हैं।
हेयर कलरिंग के नुकसान -Cons of hair coloring
1. एलर्जी हो सकती है (hair coloring and allergy)
चाहे आप अपने बालों की सफेदी छिपाने के लिए ही क्यों न रंग रहे हों या सिर्फ प्रयोग कर रहे हों, पर ये आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इससे आपको गंभीर एलर्जी हो सकती है। एलर्जी का प्राथमिक कारण पैराफेनिलिडामाइन या पीपीडी नामक एक पदार्थ है, जो आमतौर पर हेयर कलर में होते हैं। ऐसे में आपको कई एलर्जी के आम लक्षण महसूस हो सकते हैं, जैसे कि
- - सिर में तेज खुजली
- -रेडनेस
- -स्कैल्प में सूजन
- - हल्के रूसी
- -आंखों और पलकों के आसपास सूजन
- -स्टाइलिश से बात करें।
- -बालों के लिए शेड का चुनाव समझदारी से करें।
- -बालों को एक दिन पहले ना धोएं।
- -लाइफस्टाइल के अनुसार कलर चुनें
- -कलर प्रोटेक्टिव प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
- -सावधानियों और रखरखाव के बारे में जानें।
- -कॉफी
- -हिना मेंहदी
- -जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करें।
- -गादर और चुकंदर का इस्तेमाल करें।
2. बालों का पतला होना (thinning of hair)
बालों की रंगाई से जुड़ी सबसे आम समस्याओं में से एक बालों का पतला होना है, चाहे आप किसी भी ब्रैंड का कलर क्यों न करवा रहे हों पर कलरिंग से बाल पतले होने लगते हैं। कई शोध बताते हैं कि प्राकृतिक बालों की तुलना में रंगाई के बाद आपके बालों की मात्रा कम हो जाती है।
3. बालों का डैमेज होना (damaging of hair)
बालों की कलरिंग करवाने से आपके बाल रूखे और बेजान हो सकते हैं। इससे आपके बाल डैमेज हो सकते हैं और उनके प्राकृतिक सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। यह न केवल आपके बालों को सुस्त बनाता है, बल्कि उन्हें भंगुर और मृत भी बनाता है। इसलिए बालों को रंगवाने के बाद आपको आवश्यक प्रोटीन उपचार और कंडीशनिंग की जरूरत पड़ सकती है।
3. स्किन इंफेक्शन (Skin infection)
बालों का रंग स्किन इंफेक्श का कारण हो सकता है। इसके कुछ आम लक्षणों की बात करें, तो इसके चलते बालों में जलन, लालिमा और परतदार त्वचा, खुजली और अन्य परेशानी होती है। यह सलाह दी जाती है कि आप अपने बालों को रंगने से 48 घंटे पहले पैच टेस्ट करें। एक पैच परीक्षण के दौरान, संदिग्ध एलर्जेन को लागू किया जाता है, और आपकी त्वचा की दो दिनों के बाद जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई एलर्जी प्रतिक्रिया नहीं थी। त्वचा पर किसी भी एलर्जी की प्रतिक्रिया के मामूली संकेत पर बालों के रंग का उपयोग करने से रोकें। एक त्वचा विशेषज्ञ को दिखाएं अगर आपकी स्किन में सूजन और खुजली बनी रहती है।
4. कैंसर (cancer)
प्रयोगशाला प्रयोगों ने साबित किया है कि पीपीडी मानव डीएनए कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और कैंसर का कारण बन सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी का मानना है कि हेयर कलर स्ककिन के लिए नुकसानदेह होते हैं, जो कि कैंसर को ट्रिगर कर सकता है। साथ ही ये स्तन कैंसर के खतरे को भी बढ़ाता है।
हेयर कलरिंग के प्रकार -Types of hair color
1. टेम्पररी कलर (temporary color)
इसमें बालों की टेम्पररी कलरिंग की जाती है। इसमें एक से दो बार में शैंपू करने से बालों का रंग निकल जाता है। इसमें शैंपू और कंडीशनर में अस्थायी रंग का उपयोग करते हैं।
2. अर्ध-स्थायी (Semi Permanent)
अस्थायी रंग की तरह, अर्ध-स्थायी रंग एक अल्पकालिक विकल्प है जो बालों में थोड़े ज्यादा दिन तक रहता है। यह मौजूदा बालों के रंग के साथ एक मामूली मिश्रण प्रदान करता है, लेकिन मौजूदा रंग को अच्छी तरह से कवर नहीं कर सकता है। अर्ध-स्थायी बालों का रंग अस्थायी रंग की तुलना में बहुत अधिक समय तक चलेगा, लेकिन चार और छह शैंपू के बीच हल्का हो जाएगा।
3. डेमी-परमानेंट (Demi Permanent)
डेमी-परमानेंट बाकी दोनों से धोड़े दिनों बाद तक चलता है। ये ग्रे कलर के साथ बालों के कुछ रंगों में बदलाव लाता है। ये बालों को हल्का नहीं करता है।
4. परमानेंट कलरिंग (Permanent Coloring)
इससे आपके बालों का रंग लंबे समय के लिए बदल जाता है और इसमें सारे बाल कलर किए जाते हैं। ये कई तरह और कई रंगों के होते हैं।
हेयर कलरिंग टिप्स -Hair colour tips
नेचुरल हेयर कलर- Natural hair colour tips
इस तरह से आपको अगर किसी भी तरह के हेयर कलर से जुड़े एक्सपर्ट टिप्स और सावधानियों के बारे में विस्तार से जानना या पढ़ना है, तो पढ़ते रहें ऑनली माय हेल्थ पर टबालों का रंगना (hair colouring in hindi)'