How Many Times IVF Can Be Done: आज के समय में खानपान में गड़बड़ी और भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल की वजह से लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। यही कारण है कि दुनियाभर में इनफर्टिलिटी की परेशानी से लाखों लोग जूझ रहे हैं। हर कपल का यही सपना होता है कि उनके घर में किलकारियां गूंजे। लेकिन कुछ कपल्स इनफर्टिलिटी समेत कुछ गंभीर समस्याओं की वजह से इस सुख से वंचित हो जाते हैं। कुछ महिलाएं बीमारी, शारीरिक स्थिति समेत कुछ समस्याओं की वजह से गर्भवती नहीं हो पाती हैं। ऐसे कपल्स के लिए आईवीएफ एक वरदान है। IVF (इंट्रा-विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक लैब तकनीक है। कोई कपल इसका उपयोग तब करता है, जब एक महिला को नैचुरल तरीके से प्रेग्नेंसी में समस्या होती है। इसमें तकनीक की मदद से शुक्राणु और अंडे को टेस्ट ट्यूब में मिलाकर शिशु के विकास की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है। ओन्लीमायहेल्थ भी आईवीएफ के लिए एक मुहिम चला रहा है, जिसका नाम #KhushKhabriWithIVF है। तो आइए, इस मुहिम में आज के लेख से जानते हैं, एक महिला कितनी बार आईवीएफ करवा सकती है?
एक महिला कितनी बार करवा सकती है IVF?- How Many Times IVF Can Be Done in Hindi
IVF (इंट्रा-विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक लैब तकनीक है, जिसमें तकनीक की सहायता से महिला को गर्भधारण करने में मदद करती है। ऐसी महिलाएं जो सामान्य प्रोसेस से गर्भवती नहीं हो पाती हैं, उनके लिए यह प्रक्रिया बहुत लाभकारी साबित होती है। इस प्रक्रिया शुक्राणु और अंडे को एक लैब डिश में फ्यूज किया जाता है। इसके बाद निषेचन की प्रक्रिया पूरी होती है। फिर 3-5 दिनों के भीतर, निषेचित अंडे भ्रूण में विकसित हो जाते हैं। आईवीएफ की प्रक्रिया से पहले कपल्स को कई तरह के हेल्थ चेकअप्स से गुजरना पड़ता है। इसके बाद ही डॉक्टर यह निर्धारित करते हैं कि आपको आईवीएफ कराना चाहिए या नहीं है। आईवीएफ की सफलता दर भी हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: गौरी खान से लेकर नीता अंबानी तक, मां बनने के लिए इन हस्तियों ने लिया आईवीएफ का सहारा
स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय लक्ष्मी कहती हैं कि, सामान्य तौर पर एक महिला कितनी बार आइवीएफ करवा सकती हैं यह महिला की शारीरिक स्थिति और उम्र पर निर्भर करता है। आईवीएफ की सफलता मुख्य रूप से अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। कई बार जब महिला कोशिश करने के बाद भी गर्भवती नहीं हो पाती है, तो उन्हें आईवीएफ को रोकने की सलाह भी दी जाती है। आमतौर पर 3 या 4 आईवीएफ की कोशिश के बाद सफलता न मिल पाने पर डॉक्टर महिला को आईवीएफ न कराने या अंडे के डोनर को बदलने की सलाह देते हैं।
आईवीएफ कितने प्रकार का होता है- Types Of IVF in Hindi
आईवीएफ की प्रक्रिया मुख्य रूप से तीन तरह की होती है-
1. नेचुरल आईवीएफ (Natural IVF)- नेचुरल आईवीएफ काे नेचुरल साइकिल इन विर्टाे फर्टिलाइजेशन भी कहा जाता है। नेचुरल आईवीएफ में अंडे को पुरूष के स्पर्म के साथ मिलाया जाता है, इससे भ्रूण का निर्माण होता है। इसे बाद में महिला के गर्भाशय में इंप्लांट किया जाता है।
2. मिनिमल स्टिमुलेशन आईवीएफ- मिनिमल स्टिमुलेशन आईवीएफ में महिलाओं को दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है। दवाओं से स्वस्थ अंडाणु तैयार किया जाता है।
इसे भी पढ़ें: क्या आईवीएफ से होने वाले बच्चों में जन्मजात बीमारियां होने का जोखिम ज्यादा रहता है? एक्सपर्ट से जानें
3. कनर्वेशनल आईवीएफ- कनर्वेशनल आईवीएफ काे पारंपरिक आईवीएफ भी कहा जाता है। इसमें अंडाणु और वीर्य काे मिलाया जाता है, प्रजनन की क्षमता बढ़ जाती है।
आईवीएफ उन कपल्स के लिए सही है, जो बांझपन से जूझ रहे हैं लेकिन माता-पिता बनने की चाह रखते हैं। आईवीएफ करवाने से पहले आपको हमेशा डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करना चाहिए।
(Image Courtesy: Freepik.com)