एक्ट्रेस चारु असोपा टेलीविजन की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में से एक हैं। इन्होंने जीजी मां, मेरे अंगने में, बालवीर, दिया और बाती हम, विक्रम और बेताल जैसे कई टेलीविजन सीरियल्स में काम किया है। चारु न सिर्फ एक एक्ट्रेस है, बल्कि यूट्यूब ब्लॉगर भी हैं, जो आएदिन अपने ब्लॉग के जरिए अपने फैंस का मनोरंजन भी करती रहती हैं। अपनी प्रोफेशनल लाइफ को मैनेज करते हुए चारु अपनी बेटी का भी ध्यान रखती हैं। लेकिन क्या आपको पता है हमेशा एक्टिव और एनर्जेटिक नजर आने वाली चारु असोपा ने एक समय पर पोस्टपार्टम डिप्रेशन का सामना भी किया है? दरअसल, बेटी के जन्म के बाद चारु को पोस्टपार्टम डिप्रेशन हुआ था। इस दौरान चारु बहुत अकेला और परेशान महसूस करने लगी थी। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को दिये इंटरव्यू में चारु ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि उन्हें पोस्टपार्टम डिप्रेशन के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, साथ ही उन्हें इससे बाहर आने में भी काफी समय लगा था। तो आइए ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल मेंटल हेल्थ सीरिज के जरिए जानें चारु ने पोस्टपार्टम डिप्रेशन का सामना कैसे किया।
बेटी के जन्म के बाद करना पड़ा डिप्रेशन का सामना
चारु असोपा ने नवंबर 2021 में बेटी जियाना को जन्म दिया था। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर आते ही चारु को स्पाइनल सिरदर्द की समस्या हो गई थी, जिस कारण उनके लिए जियाना को फीड कराना मुश्किल होता था। साथ ही डिलीवरी के बाद उन्हें एक सप्ताह तक ब्रेस्ट मिल्क नहीं आया था, इसलिए उन्हें बेटी को फॉर्मूला मिल्क देना पड़ता था। बेटी को फॉर्मूला मिल्क देने के लिए उन्हें लोगों की कई बाते भी सुननी पड़ती थी।
अकेलापन महसूस करने लगी थी चारु असोपा
पोस्टपार्टम डिप्रेशन के दौरान चारु की फिजिकल और मेंटल हेल्थ में कई बदलाव आ रहे थे। जहां एक ओर उन्हें स्पाइनल हेडेक हो गया था, वहीं दूसरी ओर उनकी मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ रहा था। बच्चे की जिम्मेदारी आने से उन पर तनाव बढ़ता जा रहा था। इस पर बात करते हुए चारु ने बताया कि ‘’मैं उस समय बहुत अलग-थलग महसूस करती थी…मुझे बहुत अकेलापन महसूस होता था, जो मेरे लिए एक बुरा अहसास था।”
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जानें चारु ने कैसे किया पोस्टपार्टम डिप्रेशन का सामना- How Charu Asopa Deal With Postpartum Depression
चारु असोपा ने बताया कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बाहर आने में उनके काम ने उनकी मदद की। उन्होंने कहा कि ‘’मुझे लगता है कि मेरे काम ने ही मुझे इससे बाहर निकलने में मदद की, क्योंकि जब मैं छोटे-छोटे एड कैंपेन करती थी तो मुझे अच्छा लगता था, इसलिए मैं जब भी काम करती हुं, तो मुझे अच्छा महसूस होता है।’’
चारु असोपा की स्थिति को समझने के लिए हमने बात कि सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ.आरती आनंद से, जिन्होनें हमें पोस्टपार्टम डिप्रेशन और इससे डील करने के तरीको के बारे में बताया।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या होता है- Postpartum Depression In Hindi
पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक ऐसी मानसिक स्थिति है, जो बच्चे के जन्म के दौरान या जन्म के बाद महिला को हो सकती है। ऐसे में नकारात्मक विचारों की ओर ध्यान रहता है और हमेशा परेशान और उदास महसूस होता है। शुरुआत में इसके लक्षण साधारण होते हैं, लेकिन ध्यान न देने पर समस्या बढ़ सकती है।
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पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण- Symptoms of Postpartum Depression
पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षणों पर बात करते हुए एक्सपर्ट ने बताया कि इस दौरान महिला को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं-
- बार-बार मूड स्विंग्स होना और ज्यादातर समय डिप्रेस्ड महसूस करना।
- बच्चे के साथ बॉन्डिंग बनाने में परेशानी होना और बहुत ज्यादा रोना आना।
- दोस्तों और रिश्तेदारों से दूरी बना लेना और किसी चीज में इंट्रस्ट न दिखाना।
- हर वक्त थकावट और कमजोरी महसूस करना और हमेशा उदास रहना।
- एक अच्छी मां न बन पाने का डर होना और हमेशा इरिटेट महसूस करना।
- सोचने-समझने में परेशानी और कोई भी फैसला खुद न कर पाना।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से कैसे डील करें- How To Deal With Postpartum Depression
- खुद को अकेला महसूस करने के बजाय अपनी भावनाएं किसी के साथ बांटे। अगर आपको इमोशन्स कंट्रोल करने में परेशानी हो रही है, तो एक्सपर्ट से बात जरूर करें।
- अपने मनपसंद कार्यों में ध्यान लगाने की कोशिश करें, जिससे आपको ओवरथिंकिंग से बाहर आने में मदद मिल सके।
- पर्याप्त आराम जरूर लें और खुद के लिए समय निकालने की कोशिश करें।
- हेल्दी डाइट को अपनी प्राथमिकता बनाएं और एक्सरसाइज के लिए समय जरूर निकालें।