नाम किसी व्यक्ति की पहली पहचान है। कई बार नाम का व्यक्ति के स्वभाव, जीवन दर्शन आदि पर भी बड़ा असर पड़ता है। इसलिए माता-पिता अक्सर बच्चों का नाम चुनते समय बहुत सोच-विचार करते हैं। और सोचें भी क्यो न, क्योंकि ये नाम जिंदगी भर उनके बच्चे के साथ जुड़ा रहता है। बच्चे का नाम रखते समय आपको कई बातों का खयाल रखना पड़ता है। धर्म, परंपराओं, सामाजिकता, पारिवारिक रीति-रिवाज तथा और भी तमाम बातों का ध्यान रखकर ही नाम रखा जाता है। आमतौर पर लोग ऐसा नाम रखना चाहते हैं, जो अर्थपूर्ण होने के साथ-साथ उच्चारण में भी आसान हो। पहले के समय में जहां लोग ज्यादातर नाम अपने धार्मिक प्रतीकों, धार्मिक कहानियों में वर्णित महान लोगों और देवी-देवताओं आदि के नाम पर रखते थे, वहीं आज के समय में लोग ज्यादा क्रिएटिव होकर सोचने लगे हैं। इसलिए आजकल प्रयोग के तौर पर बहुत सारे नए-नए नाम सामने आने लगे हैं। इसके अलावा देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्रचलित नामों को भी अब हिंदी पट्टी के लोग अपने बच्चों के नाम के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं। जो भी हो, कई बार बच्चे का नाम रखना माता-पिता के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर आप भी इसी बात को लेकर कंफ्यूज हैं, तो हम आपको बता रहे हैं बच्चों का नाम चुनने के कुछ तरीके और टिप्स, जिनसे आपको अपने बच्चे के लिए खूबसूरत, यूनीक और अच्छा नाम चुनने में मदद मिलेगी।
1. नाम हो आसान
सबसे पहले इस बात पर विचार कीजिए कि आप अपने बच्चे के लिए किस तरह का नाम चाहते हैं। आपको अनूठा नाम रखना है या फिर अपने सामाजिक और सांस्कृतिक माहौल से मेल खाता हुआ कोई नाम। इन दोनों के ही अपने नफे-नुकसान हैं। सामान्य नाम से जहां वह खुद को समाज में अधिक फिट महसूस करेगा और एक अनूठा नाम आपके बच्चे को खास होने का एहसास कराएगा। यह आपकी मर्जी है कि आप अपने बच्चे को कैसी पहचान देना चाहते हैं। आप अपने बच्चे का नाम उसके सहोदर (सगे भाई बहन) से मिलता-जुलता रख सकते हैं। ऐसा करने से बच्चा अपने भाई-बहनों से अधिक जुड़ाव महसूस करता है।
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2. अर्थ पूर्ण हो नाम
नाम का कोई अर्थ होना चाहिए। यूं ही नाम रख देना कई बार हास्यास्पद स्थिति पैदा कर देता है। जैसे फिल्म 'खोसला का घोसला' में नायक का नाम चिंरौजी लाल खोसला, उसके लिए परेशानी और शर्मिंदगी का सबब बन जाता है। पहले लोग नाम रखने को लेकर इतने सजग नहीं थे, लेकिन आज के इस दौर में नाम को लेकर काफी सजगता बरती जाती है। परिवार भी इसे लेकर गंभीर हो गए हैं। वे जानते हैं कि नाम को लेकर बच्चे को मनोवैज्ञानिक दबाव का सामना भी करना पड़ सकता है। जिसका असर उसके भविष्य पर पड़ने की आशंका रहती है।
3. परिवार की भूमिका
बच्चे का नाम रखते हुए कई बार पारिवारिक स्थितियां और माहौल आपके सभी विचारों पर भारी पड़ जाते हैं। लेकिन, फिर भी आपको सोचना चाहिए कि आपके बच्चे के नाम का उच्चारण कैसा रहेगा और कहीं ऐसा तो नहीं कि बड़ा होने के बाद उसे अपने नाम को लेकर शर्मिंदगी का अहसास हो। पारिवारिक नामों में थोड़े बहुत बदलावों को अब स्वीकार किया जा रहा है। कई बार हम अपने बच्चे का नाम ऐसा रख देते हैं कि बोलते हुए जुबान ही टेढ़ी हो जाए। यूनीक नाम बनाने के चक्कर में ऐसा करना कतई उचित नहीं है।
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4. अपने साथी से करें बात
अपने साथी की मदद से कुछ नामों की लिस्ट बनायें। इसके बाद किसी एक नाम पर सहमति बनायें। आप जो नाम अपने बच्चे को देंगे वह उसके जीवन भर की पहचान होगी। तो घबरायें नहीं, हर पहलू को ध्यान से परखें। यदि आपके परिवार में मिडिल नेम रखने की परंपरा है, तो एक बार उसके बिना अपने बच्चे का नाम बोलकर देखें। इससे आपको नाम की पहचान करने में आसानी होगी।
5. इंटरनेट का लें सहारा
ओनलीमाय हेल्थ पर भी बच्चों के नामों की लिस्ट मौजूद है, जहां से आप अपने बच्चे के लिए एक प्यारा और खूबसूरत नाम चुन सकते हैं। इस पर न सिर्फ आपको आपके बच्चे के लिए यूनीक नाम मिलेगा, बल्कि उनका क्षेत्र, महत्व और अर्थ भी पता चल जाएगा। इतना ही नहीं इसमें आपको भारतीय नामों के साथ ही दुनिया भर की कई जुबानों में अपने बच्चे के लिए सही नाम चुनने में मदद मिलेगी।
बच्चों के लिए नाम सही तलाशना कोई बच्चों का खेल नहीं। कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं इसके लिए। आखिर यह आपके बच्चे की उम्र भर की पहचान का जो मामला है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे के लिए सही और अर्थपूर्ण नाम चुनें।
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