गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप सामान्य समस्या है। लेकिन कई बार यह महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है। महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान अवसाद के कारण भी रक्तचाप की शिकायत हो सकती है, जो भविष्य में दिल की बीमारी का खतरा उत्पन्न करती है।
ब्लड प्रेशर की जांच करता चिकित्सकहाई ब्लड प्रेशर की समस्या यदि लंबे समय से है तो यह दीर्घकालिक उच्च रक्तचाप या क्रॉनिक हाइपरटेंशन कहलाता है। यदि उच्च रक्तचाप गर्भधारण करने के 20 सप्ताह बाद, प्रसव में या प्रसव के 48 घंटे के भीतर होता है तो यह प्रेग्नेंसी इंड्यूस्ड हाईपरटेंशन कहलाता है। अगर रक्तचाप 140/90 या इससे अधिक है तो स्थिति गंभीर हो सकती है। मरीज एक्लेम्पशिया यानी गर्भावस्था की एक किस्म की जटिलता में पहुँच जाता है जिससे उसे झटके आने शुरू हो जाते हैं।
लेकिन यदि गर्भावस्था के दौरान हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित नही किया गया तो यह मां और भ्रूण दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं और आपका रक्तचाप सामान्य से ज्यादा हो गया है तो इन तरीकों को आजमाकर इसे सामान्य कीजिए।
हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के टिप्स
खान-पान से
गर्भावस्था के दौरान खान-पान का सबसे ज्यादा असर मां के स्वास्थ्य पर पड़ता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आप ग्रस्त हैं तो खाने में नमक कम लें। नमक की जगह पर लो सोडियम साल्ट जैसे सेंधा नमक का उपयोग आपके लिए अच्छा रहेगा।
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इसे न खायें
मलाईदार दूध, मक्खन, घी, तेल, मांसाहार जैसे खाद्य-पदार्थों को खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान इन आहारों से पहरेज कीजिए। फास्टफूड, जंक फूड व डिब्बाबंद खाना बिलकुल न खायें। इसके अलावा तेल व घी का प्रयोग कम मात्रा में करें।
इसे खायें
गर्भवती महिलाओं को पॉली अनसैचुरेटेड तेल जैसे सूरजमुखी के तेल का प्रयोग करना चाहिए। लहसुन और ताजे अदरक के सेवन से रक्त के थक्के नहीं जमते है और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित होता है।
फल और सब्जियां
भोजन में फल और सब्जियों ज्यादा मात्रा में सेवन करें। पालक, गोभी, बथुआ, लौकी, तोरई, परवल, सहजन, कद्दू, टिंडा, नींबू आदि सब्जियों को खाने में शामिल कीजिए। फल में अनार, मौसमी, संतरा, सेब, अमरूद, अनानास आदि खाने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है।
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नियमित व्यायाम
गर्भावस्था के दौरान आप व्यायाम और योग के द्वारा खुद को फिट रखती हैं साथ ही उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में कर सकती हैं। इसलिए गर्भवती होने के बाद नियमित रूप से व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए।
शराब और धूम्रपान
गर्भावस्था के दौरान शराब और स्मोकिंग बिलकुल नही करना चाहिए। एल्कोहल और धूम्रपान हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ाते हैं। इसके अलावा धूम्रपान और शराब का बुरा असर बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
आराम भी करें
गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर से प्रीएक्लेम्पशिया की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए भरपूर आराम जरूरी है। ज्यादा भागदौड़ और काम करने से बचें।
यदि कोई महिला गर्भावस्था से पूर्व ही हाई रक्तचाप से ग्रस्त है, तो उसे हृदय रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ दोनों से सलाह लेनी चाहिए। प्रसव भी इन दोनों की देखरेख में हो तो खतरे कम रहते हैं।
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