How To Manage Diabetes In Office In Hindi: क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में 100 मिलियन से भी ज्यादा लोग डायबिटीज के मरीज हैं और इससे भी ज्यादा लोग प्री-डायबिटीज स्टेज में हैं। इससे साफ पता चलता है कि डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। डायबिटीज होने का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल, बुरी आदतें और डाइट का ख्याल न रखना है। अगर आप सही समय पर सोएं, 7 से 8 घंटे की नींद रोजाना लें, खानपान की अच्छी आदतों को विकसित कर लें और शराब या नशे की चीजों से दूर रहें, तो डायबिटी के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी खुद को बचा सकते हैं। लेकिन, हमारे बदलते वर्क कल्चर की वजह से ऐसा होना लगभग मुश्किल हो चुका है। हालांकि, यह भी सच है कि डायबिटीज हो या कोई अन्य बीमारी, जीवनयापन के लिए पैसा कमाना या नौकरी करना जरूरी है। आजकल ज्यादातर डेस्क जॉब हो गए हैं, जहां लोगों को करीब आठ-आठ घंटे एक ही सीट पर बैठे रहना पड़ता है। जो लोग ओवर टाइम करते हैं, उन्हें लगभग दुगना समय एक ही सीट पर बैठे-बैठे बिताना पड़ता है। ऐसे में शुगर का स्तर बिगड़ सकता है, जो कि कंट्रोल न किया जाए, तो जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए, बहुत जरूरी है कि अगर आप ऑफिस जाते हैं और आपको टाइप 2 डायबिटीज है, तो अपनी वर्कलाइफ को बैलेंस करना सीखें। इसके अलावा, ऑफिस में भी अपना विशेष ध्यान रखें। इस संबंध में हमने शारदा अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भूमेश त्यागी से बात की। आप भी जानें उनकी राय।
चहलकदमी करते रहें- Take Small Breaks
शुगर के मरीजों को एक ही जगह पर घंटों नहीं बैठे रहना चाहिए। जब आप घंटे एक ही जगह वक्त बिताते हैं, तो इससे ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। इसके अलावा, सक्रिय न रहने की वजह से भी आपकी तबियत बिगड़ सकती है और अचानक शुगर का स्तर बढ़ सकता है। इस तरह की सिचुएशन से बचने के लिए आवश्यक है कि आप समय-समय पर ब्रेक लें और कहीं चहलकदमी कर आएं। जरूरी नहीं है कि आप आधा घंटे के लिए वॉक करें। दस मिनट की वॉक भी काफी होती है। हालांकि, प्रत्येक 40-45 मिनट में उठें और 5-10 मिनट की वॉक करें।
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खाने का ध्यान रखें- Keep An Eye On Portion Size
डायबिटीज के मरीजों को न तो लंबे समय तक भूखा रहना चाहिए और न ही ओवर ईटिंग करनी चाहिए। आमतौर पर ऑफिस जाने वाले लोग सुबह नाश्ता करने के बाद दोपहर को लंच करते हैं। लेकिन नाश्ता और लंच के बीच काफी गैप हो जाता है। डायबिटीज के मरीज के लिए यह सही नहीं है। खासकर टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्हें समय-समय पर कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए। खाने के लिए स्प्राउट्स या सलाद जैसी चीजें ले सकते हैं। इसके बाद लंच करें। फिर शाम के स्नैक्स के टाइम पर भी कुछ हेल्दी जरूर खाएं। ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण में रहने में मदद मिलेगी।
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तनाव लेने से बचें- Do Not Take Stress
यह सच है कि ऑफिस में काम करते हुए तनाव होता है। कभी बॉस के साथ अनबन हो जाती है, तो कभी सहकर्मियों के साथ खिटपिट हो जाती है। वहीं, अगर वर्कलोड बढ़ जाए, तो काम समय पर खत्म करना एक टास्क बन जाता है। ये तमाम बातें स्ट्रसे को बढ़ाने का काम करती है। आपको बता दें कि तनाव बढ़ेगा, तो शुगर भी फ्लुक्चुएट हो सकता है यानी अचानक आपका शुगर का स्तर बढ़ या घट सकता है। इसलिए, कोशिश करें कि तनाव न लें। कोई बात परेशान करे, तो तुरंत अपने बॉस या सहकर्मी से बातचीत करके समस्या का समाधान निकाल लें।
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ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें- Breathing Exercise
वर्किंग ऑवरर्स में खुद को रिलैक्स रखने के लिए आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। यह एक्सरसाइज आप हर घंटे में पांच से 10 मिनट के लिए कर सकते हैं। इससे आपाक हार्ट रेट नियंत्रण में रहता है और नर्वस सिस्टम सही तरह से काम करता है। सामान्यतः यह एक्सरसाइज हर व्यक्ति के लिए उपयोगी मानी जाती है।
समय पर दवाई लें- Take Medicine On Time
आप चाहे, कितने ही व्यस्त क्यों न हों, आपको समय पर दवाइयां जरूर लेनी चाहिए। वहीं, टाइप 2 डायिबटीज के कुछ मरीजों को इंसुलिन भी लेना पड़ता है। इंसुलिन हो या दवाई, समय पर जरूर लें। अक्सर देखा जाता है कि जो लो मीटिंग में होते हैं, वे इंसुलिन देर से लेते हैं। यह सही नहीं है। इससे ब्लड शुगर का स्तर बिगड़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। आप मीटिंग शुरू होने से पहले ही अपने बॉस को इस संबंध में सूचना दे दें कि आपको इंसुलिन की जरूरत है।
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