अपने बच्चे की सुरक्षा और कल्याण के बारे में चिंतित होने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह खुद की देखभाल करने के लिए पर्याप्त रूप से स्वतंत्र हैं या नहीं, बच्चों की देखभाल करना निश्चित रूप से कोई बच्चों का खेल नहीं है। इसमें एक नई समस्या ये है कि हमारे आस-पास मौजूद तकनीक निरंतर बदल रही है और डिजिटल उपकरणों के प्रयोग के इर्द-गिर्द नई स्वास्थ्य सीमाएं तय हो रही है, जिसका ख्याल रखना भी देखभाल का एक अहम हिस्सा बन गया है। यही कारण है बहुत से माता-पिता इस बात को लेकर काफी चिंतित रहते हैं कि उनका बच्चा अभी स्मार्टफोन के लिए तैयार है नहीं? और अगर आपका बच्चा तैयार है तो उसे किस उम्र में स्मार्टफोन दें।
माता-पिता के लिए मजबूरी बना स्मार्टफोन
इसमें कोई दो राय नहीं कि मौजूदा वक्त में बच्चों को स्मार्टफोन लेने में बिल्कुल भी सब्र नहीं है। बहुत से मां-बाप भी बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उनके हाथों में स्मार्टफोन पकड़ा देते हैं। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि तेजी से बदलती परिवेश में शिक्षा की जरूरतों और बदलते घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखना बहुत जरूरी हो गया है। इसी वजह से स्मार्टफोन रखना एक सामान्य सामाजिक जीवन के लिए बहुत जरूरी हो गया है। अधिकतर माता-पिता इसी मजबूरी में बच्चों को फोन दिलाने से नहीं हिचकते लेकिन सवाल ये है कि वह कब उनके हाथों में स्मार्टफोन पकड़ाएं।
बच्चों को बिजी रखने के लिए देते हैं स्मार्टफोन
अगर आप भी इसी सवाल से परेशान हैं किस उम्र में बच्चों के हाथों में फोन पकड़ाए को परेशान न हो आप अकेले नहीं हैं। जब बात बच्चों को किसी प्रकार के डिजिटल उपकरण देने की आती है तो उससे पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है। माता-पिता होने के नाते आपके लिए ये बहुत जरूरी काम है कि आप अपने बच्चों को किसी भी डिवाइस का हेल्दी और जिम्मेदार तरीके से प्रयोग करना सिखाएं।
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माता-पिता बच्चों को स्मार्टफोन देने के पक्ष में
बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को सिर्फ और सिर्फ उनकी सुरक्षा के लिए स्मार्ट डिवाइस देने के समर्थन में हैं। ये सुनिश्चित करता है कि वह ऐसा इसलिए करते हैं ताकि जब चाहे तब वह अपने बच्चे से संपर्क में रहे। बच्चों को स्मार्टफोन देने से माता-पिता बच्चों के संपर्क में रहने में सक्षम हो जाते हैं।
खतरे से खाली नहीं इंटरनेट
हालांकि अपने बच्चों को स्मार्टफोन देने से हम उनके लिए इंटरनेट के किसी भी हिस्से में पहुंच बनाने के सभी दरवाजे भी खोल देते हैं, जिसके कारण वह अनजाने लोगों के संपर्क में आ जाते हैं और आसानी से अपनी लोकेशन दे देते हैं। इसलिए, आपके बच्चे संभावित रूप से इस तरह की पहुंच को सीमित करने के आपके प्रयासों के बावजूद, साइबर अपराध और यौन शिकारियों सहित वेब पर गुप्त खतरों का शिकार हो सकते हैं।
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बच्चों को नियम बताना जरूरी
इसलिए बच्चों को किस उम्र में स्मार्टफोन देना चाहिए इस बात का सही उत्तर जान लेना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है। बच्चों को स्मार्टफोन देने से पहले उनसे स्मार्टफोन के प्रयोग के नियम और जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल को लेकर भी बातचीत करनी चाहिए।
कब देना चाहिए बच्चों का स्मार्टफोन
हाल ही में जारी हुई किड्स एंड टेकः द इवोल्यूशन ऑफ टूडे डिजिटल नेटिव नाम की इंफ्लूएंस सेंट्रल रिपोर्ट के मुताबिक, एक बच्चे को उसका पहला स्मार्टफोन औसतन 10.3 साल की उम्र में मिलता है । अध्ययन में यह भी बताया गया कि 12 साल की उम्र में 50 फीसदी से ज्यादा बच्चों का फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अकाउंट होता है।
जब चाहें तब दें फोन
अध्ययन के मुताबिक, कुला-मिलाकर आपको यह याद रखने की जरूरत है कि अपने बच्चों को स्मार्टफोन देने में कोई सही या गलत जैसी चीज नहीं है। हर बच्चा दूसरे बच्चा से अलग होता है और उनका मैच्योरैटी लेवल भी दूसरों से अलग होता है। इसलिए सही उम्र वही है जब माता-पिता के रूप में आप अपने बच्चे को स्मार्टफोन देने के लिए तैयार होते हैं। फिर चाहे आपका बच्चा आठवीं क्लास में हो या फिर वह 10वीं पास करने वाला हो। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ दूसरी गतिविधियों को झेलने के लिए तैयार है और बिना स्मार्टफोन के जिम्मेदारियां उठा सकता है तो आप उसे स्मार्टफोन दे सकते हैं या सकती हैं।
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