प्रेग्नेंसी में महिलाओं के जीवन में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान जैसे-जैसे समय बीतता है, वैसे-वैसे महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस होने लगते हैं। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को प्रेग्नेंसी में ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि, दूसरी और तीसरी बार मां बनने वाली महिलाएं इस दौरान होने वाले बदलावों से पहले से ही महसूस कर चुकीं होती है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी मॉर्निंग सिकनेस से होती है। यह लक्षण शुरुआती तीन महीनों में ही महसूस होने लगता है। इसमें महिलाओं हार्मोनल बदलाव की वजह से सुबह के समय जी मिचलाने और उल्टी आने की समस्या होती है। डॉक्टर का कहना है कि यह एक सामान्य समस्या है, जो अधिकतर महिलाओं को महसूस होती है। लेकिन इस समस्या से बचाव के लिए लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करने की सलाह दी जाती है। मणिपाल अस्पताल, गाजियाबाद के आब्सटेट्रिक्स और गायनकोलोजी कंसल्टेंट डॉ. विनीता दिवाकर से जानते हैं कि महिलाओं को मॉर्निंग सिकेनस को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करने चाहिए।
मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव - Lifestyle Changes For Morning Sickness During Pregnancy In Hindi
छोटी-छोटी मील लें
मॉर्निंग सिकनेस से बचाव के लिए महिलाओं को डाइट व खाने के पैर्टन में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान महिलाओं को एक बार में ज्यादा खाना खाने के बजाय अपनी डाइट को छोटी-छोटी मील में बांटना चाहिए। इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है। इस समय बाहर का खाने से दूर रहें। जंक फूड लेने के बजाय आप फलों का सेवन कर सकती हैं।
ज्यादा से ज्यादा आराम करें
इस समस्या से बचने के लिए और हार्मोनल बदलावों का प्रभाव कम करने के लिए आप शरीर को ज्यादा न थकाएं। इस दौरान महिलाओं को आराम करने पर फोकस करना चाहिए। रात के समय पर्याप्त नींद लें। इसके अलावा, दिन में थकान व तनाव हो रहा है तो ऐसे में दिन में भी आराम करें।
हाइड्रेटेड रहें
प्रेग्नेंसी में डिहाईड्रेशन की समस्या मॉर्निंग सिकनेस की समस्या को बढ़ा सकती है। ऐसे में आप पर्याप्त मात्रा में पानी या जूस पीते रहें। इससे शरीर के हार्मोन नियंत्रित रहते हैं और जी मिचलाने की समस्या में आराम मिलता है। इस समय चाय या कॉफी का सेवन कम से कम करें।
एक्सरसाइज करें
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को आराम करने के साथ ही शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना भी बेहद आवश्यकत होता है। इस दौरान महिलाएं ज्यादातर हेल्दी चीजों का सेवन करती हैं। ऐसे में उनके मोटे होने की संभावना अधिक होती है। गर्भावस्था में अधिकतर महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। इससे डिलीवरी के समय महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी व डिलीवरी के जोखिमों से बचने के लिए लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज को शामिल करें।
सुबह-शाम वॉक करें
गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए महिलाओं को सुबह व शाम के समय टहलने की सलाह दी जाता है। इस उपाय से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही, हार्मोनल बदलाव तेजी से नहीं होता है। शाम के समय वॉक करने से महिलाओं की पाचन क्रिया भी बेहतर होती है। जिससे डाइजेशन सही रहता है और जी मिचलाने की समस्या में आराम मिलता है।
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प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस होना एक आम लक्षण है, जो अधिकतर महिलाओं को होता है। इस दौरान डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ मामूली बदलाव कर आप प्रेग्नेंसी के दौरान महसूस होने वाले लक्षणों से बचाव कर सकती हैं। लेकिन, इस समय किसी भी बदलाव से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।