Low HDL Cholesterol Symptoms In Hindi: अक्सर हम देखते हैं कि लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, जो कि सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। लेकिन ऐसा अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से नहीं, बल्कि खराब कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से होता है। असल में हमारे रक्त में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं, एक एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल और दूसरा एलडीएल यानी बुरा कोलेस्ट्रॉल। कोलेस्ट्रॉल हमारे रक्त में मौजूद मोम जैसा पदार्थ होता है, जो रक्त और ऑक्सीजन के साथ मिलकर पूरे शरीर में रक्त का संचार करने में मदद करता है। लेकिन जब कोलेस्ट्रॉल में टॉक्सिन्स और हानिकारक कणों की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है, तो यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं सिर्फ खराब कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर ही नहीं, बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल का सामान्य से कम होना भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल की मात्रा बहुत कम हो गई है, तो इसके बारे में वह कैसे जान सकते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दिल्ली के नरेला स्थित नारायण हार्ट सेंटर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संजय सहरावत से बात की। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
आइए पहले समझते हैं एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होने से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं?
रक्त में एचडीएल का स्तर कम होने के कारण कई स्थितियां बदतर हो सकती हैं और उनका जोखिम भी बढ़ सकता है जैसे, मेटाबोलिक सिंड्रोम, हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज आदि। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप शरीर में कोलेस्ट्रॉल के संतुलन को बनाए रखें। एचडीएल को "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। रक्त में इसका स्तर 40 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से अधिक होना चाहिए।
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रक्त में एचडीएल (गुड) कोलेस्ट्रॉल कम होने के लक्षण- Low HDL Cholesterol Symptoms In Hindi
आपको बता कें कि वैसे तो एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होने के सटीक लक्षण फिलहाल ज्ञात नहीं है। लेकिन यह पाया गया है कि जब रक्त में इसकी मात्रा बहुत ज्यादा कम हो जाती है, तो इसके कारण हृदय संबंधी रोग देखने को मिलते हैं, जिन्हें संकेत के रूप में पहचान कर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं इन लक्षणों में शामिल हैं...
- स्ट्रोक
- हार्ट अटैक
- समय से पहले कोरोनरी धमनी रोग
- पेरिफेरल पोलीन्यूरोपैथी
- अनियंत्रित ब्लड प्रेशर
बहुत से लोगों के साथ यह देखने को मिलता है कि कुछ लोगों को तब तक एलडीएल के कम स्तर का पता नहीं चल पाता है, जब तक कि वे दिल के दौरे या स्ट्रोक की चपेट में नहीं आ जाते हैं। इसलिए समय समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहें।
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