Malaria Prevention Tips For Children In Hindi: बारिश का मौसम अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। जैसे-जैसे बारिश का मौसम खत्म होने वाला होगा, वैसे-वैसे मच्छरों से होने वाली बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जाएगा। हाल के दिनों में हमने न्यूज चैनलों में डेंगू के बढ़ते मामलों के बारे में खूब सुना है। इसी तरह, मलेरिया के मामलों में भी उफान देखे जा रहे हैं। मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां मच्छरों के काटने की वजह से होते हैं। ये बीमारियां बेहद घातक हैं और समय पर उपचार न मिले, तो मरीज की जान तक जा सकती है। ऐसे में हर पेरेंट्स की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों को मलेरिया जैसी बीमारी से बचाव के लिए सही कदम उठाएं। मेडिकेयर हॉस्पिटल, नवी मुंबाई के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम (Head of Pediatric Intensive Care Department) से जानें, मलेरिया से बचाव के सही उपाय।
बच्चों में मलेरिया के लक्षण- Sign And Symptoms Of Malaria In Children
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, "मलेरिया के लक्षणों में मरीज कई तरह की बीमारियों और समस्याओं का अहसास कर सकता है। बच्चों की खासकर बात करें, तो उन्हें बुखार, फ्लू, कंपकंपी वाली ठंड, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हो सकती है। यही नहीं, मतली, उल्टी और दस्त इसके लक्षणों में शुमार हैं। मलेरिया की वजह से रेड ब्लड सेल्स को हानि पहुंचती है, इसलिए इससे एनीमिया और पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला रंग) जैसी खतरनाक बीमारियां भी हो सकती हैं। अगर समय पर इलाज न किया जाए या लंबे समय तक मरीज को इस बीमारी का पता न चले, तो यह संक्रमण बढ़ सकता है, जो कि किडनी फेलियर, अटैक, मेंटल हेल्थ इश्यूज, कोमा और यहां तक कि जानलेवा भी साबित हो सकता है।"
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मलेरिया का कैसे पता लगाएं- How To Diagnose Malaria
ज्यादातर पेरेंट्स बुखार को वायरल फीवर सोचकर बच्चे का उसके अनुसर ट्रीटमेंट करवाते हैं। जबकि, मलेरिया का ट्रीटमेंट रेगुलर बुखार से अलग होता है। मलेरिया होने पर बच्चे को दस दिनों से ज्यादा समय तक बुखार रह सकता है और यह संक्रमण इससे ज्यादा समय तक बना रह सकता है। इसलिए, 4 से 5 दिनों तक बुखार रहे और बुखार उतरे न, तो बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। वे ब्लड टेस्ट के जरिए यह पता लगाएंगे कि मलेरिया है या नहीं।
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मलेरिया से बचने के उपाय- Malaria Prevention Tips In Hindi
बच्चे को मलेरिया से बचाने के लिए पेरेंट्स को ठोस कदम उठाने चाहिए। इसके लिए आप निम्न चीजों को आजमा सकते हैं-
मच्छरों को घर में न आने देंः जैसा कि आप जानते ही हैं कि मलेरिया मच्छरों की वजह से होता है। ऐसे में घर में मच्छरों को आने से रोकने की कोशिश करें। विशेषकर शाम के समय घर की खिड़कियों को बंद कर दें ताकि घर के अंदर मच्छर न आ सकें। अगर घर किसी पार्क के पास है, तो घर के अंदर मॉस्किटो कॉइल लगा सकते हैं। बच्चे के कमरे में पहले से सोने से पहले मॉस्किटो कॉइल जला दें।
मच्छरदानी में बच्चों को सुलाएंः अगर घर में मॉस्किटो कॉइल लगाने के बावजूद मच्छर आते हैं, तो बेहतर होगा कि बच्चों को मच्छरदानी के अंदर सुलाएं। इस तरह की स्थिति खासकर उन घरों में होती है, जहां आसपास नाली हो। संभव हो, तो नाली बंद करवा दें। अगर ऐसा न किया जा सके, तो सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
बच्चों फुल स्लीव्स के कपड़े पहनाएंः चूंकि अभी ऐसा मौसम है, जब मच्छर तेजी से फैलते हैं। वहीं, बच्चों को भी घर से बाहर खेलने से रोका नहीं जा सकता है। इस स्थिति में जरूरी है कि आप बच्चों को पूरी बाजू की टी-शर्ट या शर्ट पहनाएं और फुल पैंट पहनाएं। इससे मच्छरों के काटने का रिस्क कम हो जाता है।
शाम को ट्रैवलिंग से बचेंः बच्चों को लेकर शाम के समय कहीं न निकलें। घर के अंदर खुद को और बच्चों को कवर करके रखें। अगर कहीं जाना ही है, तो पूरी सेफ्टी का ध्यान रखें। किसी ऐसे इलाके में जाने से बचें, जहां मच्छरों ज्यादा होने की आशंका हो।
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