आईवीएफ ट्रीटमेंट करवा रही महिलाओं को कुछ विशेष गलतियां नहीं करनी चाहिए। इससे आईवीएफ के सफल होने के चांस कम हो जाते हैं।
Mistakes To Avoid In IVF Treatment In Hindi: आमतौर पर आईवीएफ ट्रीटमेंट तभी करवाया जाता है, जब नेचुरल तरीके अपनाने के बावजूद कपल्स कंसीव नहीं कर पाते हैं। आईवीएफ ट्रीटमेंट एक मुश्किल और जटिल प्रक्रिया है। इससे गुजर रही हर महिला को अपने स्वास्थ्य से लेकर जीवनशैली और खानपान का पूरा ध्यान रखना पड़ता है। ट्रीटमेंट के दौरान अगर महिला अपने स्वास्थ्य के प्रति जरा भी लापरवाही करती है, तो इससे ट्रीटमेंट के दौरन परेशानियां आ सकती हैं या फिर यह फेल भी हो सकता है। आपके साथ ऐसा न हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि आप कुछ गलतियां इन दिनों न करें। वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता और चेंबूर स्थित नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी में फर्टिलिटी कंसलटेंट डॉ. स्नेहा साठेदे रही हैं इस संबंध में विशेष जानकारी।
कहने की जरूरत नहीं है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट मानसिक और शारीरिक रूप से थकाने वाली प्रक्रिया है। अस्पताल के कई चक्कर काटने पर पड़ते हैं और ट्रीटमेंट के दौरान कई तरह के इंजेक्शन लगते हैं और टेस्ट होते हैं। इन सब कारणों से महिला स्ट्रेस से भर जाती है। लेकिन, आपको इस दौरान स्ट्रेस नहीं लेना है। स्ट्रेस की वजह से यह ट्रीटमेंट फेल हो सकता है या फिर कोई अन्य जटिलताएं आ सकती हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो स्ट्रेस रिलीज करने के लिए जरूरी है कि आप रेस्ट करें और मन को शांत रखें।
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आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं को हेल्दी रूटीन फॉलो करने की सलाह दी जाती है। आपको बता दें कि अगर आपका घर अनऑर्गनाइज्ड या बेतरतीब है, तो यह समस्या की बात नहीं है। वहीं, अगर आपकी लाइफस्टाइल बेतरतीब है, डाइट खराब है और आदतें भी अनहेल्दी हैं, तो यह आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए सही नहीं है। इसलिए, जरूरी है कि डॉक्टर ने आपको जैसा रूटीन कहा है, उसे फॉलो करें और उनकी दी हुई दवाईयों को समय पर खाएं।
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मौजूदा समय में ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो जरा सा बीमार पड़ने पर ही डॉक्टर को दिखाने के बजाय गूगल पर सर्च करने लगते हैं। यह तरीका किसी के लिए सही नहीं है। वहीं, अगर आप आईवीएफ ट्रीटमेंट करवा रही हैं, तो गूगल पर जरा भी भरोसा न करें। अच्छा होगा कि अगर आपको ट्रीटमेंट के दौरान तकलीफ हो रही है, समस्या हो रही है या फिर असहज महसूस कर रहे हैं, तो सीधे डॉक्टर से संपर्क करें। अपने लक्षणों को गूगल पर सर्च न करें।
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जिस तरह गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक रेस्ट करने की मनाही होती है, उसी तरह आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान भी आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। हालांकि, इस प्रक्रिया से गुजर रही महिलाएं, अक्सर खुद को थका हुआ और परेशान पाती हैं। इसलिए, ज्यादातर समय लेटी रहती हैं या फिर सोने की कोशिश करती हैं। वैसे, तो इन दिनों महिला के लिए रेस्ट करना जरूरी है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आप ज्यादातर समय सोती रहें या बिस्तर पर लेटी रहें। इसके बजाय, घर के कामकाज करें और दूसरों के साथ बातचीत भी करें।
कई बार महिला जब नेचुरल तरीके से मां नहीं बन पाती है, तो वह दवाईयां और दूसरे ट्रीटमेंट की मदद लेने को महत्व देती है। अक्सर महिलाएं आईवीएफ ट्रीटमेंट को आखिरी ऑप्शन के तौर पर चुनती हैं। लेकिन, जब तक वे इस विकल्प की ओर बढ़ती हैं, तब तक उनकी उम्र बढ़ जाती है। आपको बता दें कि महिला की बढ़ती उम्र आईवीएफ ट्रीटमेंट फेलियर के लिए एक वजह बन सकती है। इसलिए, जितना जल्दी हो सके, उतनी जल्दी इस ऑप्शन को चुनें और सही उम्र में मां बनें।
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