Root Canal In Pregnancy: महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी एक नाजुक दौर माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए महिलाएं सभी जरूरी सावधानियों का ख्याल रखती हैं। प्रेग्नेंसी में इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और इस दौरान इन्फेक्शन होने का खतरा भी ज्यादा होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं का शरीर रोग मुक्त होना चाहिए। लेकिन शरीर की हर चीज को कंट्रोल नहीं किया जा सकता। प्रेग्नेंसी में कुछ महिलाओं को दांतों से जुड़ी समस्या हो जाती है। आजकल दांतों से जुड़ी जो सबसे कॉमन समस्या है वह है दांतों में सड़न होना। दांतों की सड़न का इलाज करने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) किया जाता है। लेकिन क्या प्रेग्नेंसी में रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवाना सुरक्षित है? इस सवाल का जवाब हम आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
क्या प्रेग्नेंसी में रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवा सकते हैं?- Root Canal in Pregnancy is Safe or Not
हां, प्रेग्नेंसी में रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवा सकते हैं। कुछ महिलाओं को लगता है कि रूट कैनाल के लिए होने वाले एक्स-रे का बुरा असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है लेकिन ऐसा नहीं है। इसी तरह दांतों का इलाज करने के लिए महिलाओं को दिए जाने वाला एनेस्थीसिया भी शिशु के लिए काफी हद तक सुरक्षित होते हैं। दांत में सड़न का उपचार जल्द से जल्द करवाना जरूरी है। ऐसा न करने पर बैक्टीरिया तांत्रिका तक पहुंच सकते हैं जिससे आगे चलकर गर्भस्थ शिशु की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल होती है, ऐसे में अगर आपको कोई अन्य समस्या भी है, तो आपकी तकलीफ दोगुनी हो सकती है। दांत में सड़न के कारण लंबे समय तक तीव्र दर्द हो सकता है और खाना निगलने में तकलीफ हो सकती है। खाना न खा पाने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाएगी और शिशु की सेहत बिगड़ सकती है। इसलिए जरूरत होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लेकर दांतों का इलाज करवाएं।
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रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवाने से पहले इन बातों का ख्याल रखें- Precautions For Root Canal Treatment in Pregnancy
रूट कैनाल ट्रीटमेंट एक डेंटल प्रोसेस है जिसकी मदद से दांत को इन्फेक्शन से बचाया जाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह ट्रीटमेंट सुरक्षित है। लेकिन इसे करवाने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखा जाता है। जैसे-
- अगर महिला को रूट कैनाल ट्रीटमेंट को लेकर ज्यादा स्ट्रेस है, तो उसका बुरा असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है इसलिए आपको तनाव की स्थिति से बचना चाहिए। ट्रीटमेंट के दौरान माइंड को रिलैक्स रखें और अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही चलें।
- वैसे तो रूट कैनाल ट्रीटमेंट के लिए 2 से 3 हिस्सों में किया जाता है जिसे सिटिंग कहते हैं। लेकिन अगर ज्यादा लंबा ट्रीटमेंट है और डिलीवरी की तारीख करीब है, तो आप डिलीवरी के बाद ही रूट कैनाल ट्रीटमेंट लें।
- पहली तिमाही के दौरान डॉक्टर रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवाने की सलाह नहीं देते। इसे दूसरी तिमाही या फिर डिलीवरी के बाद करवाया जा सकता है।
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