Ghee Khane ke Niyam: देसी घी हम सभी के दैनिक भोजन का अहम हिस्सा है। विभिन्न पकवान बनाने से लेकर भोजन का सेवन इसका सेवन करने तक, हम कई तरह से घी का सेवन करते हैं। यह हमारे भोजन को एक बेहतरीन सुगंध प्रदान करता है, साथ ही इसका सेवन करने से सेहत को कई लाभ भी मिलते हैं। आयुर्वेद में घी को अमृत से कम नहीं माना जाता है। यह इम्यूनिटी मजबूत बनाने के साथ ही शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है। त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने, साथ ही कई गंभीर रोगों को दूर रखने तक नियमित सिर्फ 1 चम्मच घी खाने से अद्भुत लाभ मिलते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी यनामंद्र की मानें तो आयुर्वेद में घी को मधुर, शीतल, भारी गुणों वाला बताया गया है। यह उन पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है जिसे कोई भी हर रोज खा सकता है, लेकिन इसका सेवन सही माध्यम से और सही तरीके से किया जाना चाहिए। सिर्फ सही तरीके से सेवन करने पर ही आपको घी के पूर्ण लाभ मिल सकते हैं। घी का सेवन करते समय आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। डॉ. वरालक्ष्मी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में घी खाने के 3 नियम बताए हैं, जिन्हें आपको जरूर ध्यान में रखना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार घी खाने के नियम और सही तरीका- Best Way To Eat Desi Ghee And Ayurvedic Rules In Hindi
1. गर्म फूड्स के साथ लें घी
घी का सेवन आपको हमेशा किसी गर्म चीज के साथ जोड़ना चाहिए। आप इसे अपनी गर्म रोटी और सब्जी के ऊपर डालकर खा सकते हैं। या फिर गर्म पानी में मिक्स करके ले सकते हैं। इस तरह सेवन करने से घी आपके गले में जमता या रुकता नहीं है। साथ ही, घी अच्छी तरह डाइजेस्ट और अवशोषित भी बेहतर तरीके से होता है।
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2. शहद के साथ घी मिक्स न करें
आपको हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी शहद और घी दोनों किसी एक ही फूड में मिक्स न करें। साथ ही, दोनों का समान मात्रा में प्रयोग करने से भी बचें। क्योंकि आयुर्वेद में घी और शहद के कॉम्बिनेशन को हानिकारक माना जाता है, क्योंकि इनमें एक दूसरे के विपरीत गुण होते हैं। इसलिए हमेशा ऐसे फूड्स खाने से बचें जिनमें शहद और घी दोनों हों।
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3. घी खाने का सही समय
आयुर्वेद के अनुसार सुबह के समय या खाली पेट घी खाने का सबसे अच्छा समय नहीं होता है। लेकिन जब आप पित्त काल में इसका सेवन करते हैं यानी दोपहर के मुख्य भोजन के साथ इसका सेवन करते हैं, या आप इस दौरान भोजन से ठीक पहले एक चम्मच घी मुंह में रखते हैं और इसके बाद भोजन करते हैं, तो यह पित्त दोष को संतुलित, पाचन अग्नि में सुधार करने है और बेहतर पाचन में मदद करता है।
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