आयुर्वेद में सप्तपर्णी के कई फायदों को बताया गया है। सप्तपर्णी का वृक्ष हिमायल के क्षेत्र में पाया जाता है। इसकी छाल के उपयोग से आप अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं। यह एक सदाबहार पेड़ है, इसमें सफेद रंग के फूल उगते हैं। इन फूलों की बेहद तेज सुगंध आती है। मौसम में बदलाव होने पर अधिकतर लोगों को सर्दी जुकाम और बुखार की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनको बैक्टीरियल संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में आप सप्तपर्णी की मदद से इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं। आगे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सोनल गर्ग से जानते हैं कि सर्दी जुकाम में सप्तपर्णी किस तरह से फायदेमंद होती है। साथ ही, इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।
सर्दी जुकाम में सप्तपर्णी के फायदे - Saptaparni Benefits for Cold And Cough In Hindi
इम्यूनिटी को करें मजबूत
सप्तपर्णी का इस्तेमाल इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए किया जा सकता है। इसकी छाल का काढ़ा हार्मोनल और कोशिका संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है। जिससे आपका शरीर बाहरी संक्रमण से सुरक्षित रहता है।
खांसी में दे आराम
सर्दी में खांसी होने पर आपके फेफड़ों पर दबाव उत्पन्न होता है। यह समस्या रात के समय बढ़ जाती है। खांसी की समस्या को कम करने के लिए सप्तपर्णी के काढ़े का सेवन कर सकते हैं। इससे आपको रात को सोने में बार-बार उठना नहीं पड़ता।
रेस्पिरेटरी हेल्थ के लिए आवश्यक
सप्तपर्णी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। साथ ही यह कफ को कम करती है। सर्दी और खांसी के कारण रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में सूजन आ सकती है। इससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में सप्तपर्णी बलगम और कप को साफ करने में मदद करती है। जिससे सांस लेने की समस्या में आराम मिलता है।
गले की समस्या को कम करें
सर्दी जुकाम में गले की समस्या होना एक आम बात है। इस दौरान गले में दर्द और जलन की समस्या हो सकती है। सप्तपर्णी में पाए जाने वाले गुण गले की खराश और दर्द में राहत प्रदान करते हैं। सप्तपर्ण के काढे से गरारे करने से आपको गले के संक्रमण में आराम मिलता है।
बुखार को कम करने में सहायक
सर्दी जुकाम को कम करने के लिए आप सप्तपर्णी का सेवन कर सकते हैं। इसका सेवन कर आप बुखार आदि में आराम पा सकते हैं। संक्रमण होने पर बैक्टीरिया शरीर के इम्यून सिस्टम पर दबाव उत्पन्न करते हैं। जिससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसे दूर करने के लिए सप्तपर्ण के काढ़े का सेवन किया जा सकता है।
सर्दी और खांसी के लिए सप्तपर्णी का उपयोग कैसे करें - How To Use Saptaparni for Cold And Cough In Hindi
- सप्तपर्णी काढ़ा: सप्तपर्णी की छाल या पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार करें। गले में खराश या कफ होने पर इसका सेवन करें।
- सप्तपर्णी की हर्बल चाय: प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए आप पानी को गैस पर चढ़ाएं। इसके बाद, इसमें सप्तपर्णी की पत्तियों को डालकर उबाल लें। जब पानी करीब एक कप रह
- जाए। इसके बाद गैस बंद कर दें। इसके बाद चाय को छानकर कप में रखें और उसमें शहद व नींबू का रस मिलाकर पिएं।
- सप्तपर्णी से गरारे करें: गले की खराश के लिए सप्तपर्णी काढ़े को गर्म पानी में मिलाएं और इससे दिन में एक से दो बार गरारे करें।
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सर्दी और जुकाम को दूर करने के लिए आप सप्तपर्णी का सेवन कर सकते हैं। मौसम में बदलाव होने पर आपको संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपको तुलसी की चाय और सप्तपर्णी का उपयोग कर सकते हैं।