Signs of Gaslighting: किसी भी रिश्तें को मजबूत बनाने के लिए प्यार और सम्मान दोनों जरूरी है। लेकिन कई बार लोग प्यार की उम्मीद में अपनी इच्छा खो रहे होते हैं, ऐसे में वह सामने वाले व्यक्ति की गैसलाइटिंग का शिकार हो रहे होते हैं। गैसलाइटिंग एक प्रकार का मनोवैज्ञानिक व्यवहार है, जिसके जरिये कोई व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति की भावनाओं का फायदा उठा रहा होता है। इसे आसान शब्दों में समझा जाए, तो अपने फायदे के लिए किसी दूसरे व्यक्ति का इस्तेमाल करना गैसलाइटिंग कहलाता है। इस बारे में जानने के लिए हमने बात की सर गंगा राम अस्पताल (ओल्ड राजेन्द्र नगर) की एसोसिएट कंसल्टेंट रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट नीलम मिश्रा से, जिन्होनें इस विषय पर खास जानकारी हमसे साझा की।
रिलेशनशिप में गैसलाइटिंग होने पर ये खास लक्षण आ सकते हैं नजर- Signs of Gaslighting In Relationships
हर बात को बड़ा बना देना
गैसलाइटिंग करने वाला व्यक्ति हर छोटे से छोटे मुद्दे को बड़ा बनाने की कोशिश करता है। ऐसे में व्यक्ति जरूरी चीजों को नजरअंदाज करने की कोशिश करेगा, आपको हमेशा दबाकर रखने की कोशिश करेगा और आपको हर छोटी गलती को बड़े मुद्दे की तरह लेगा।
भावनाओं पर ध्यान न देना
अगर कोई व्यक्ति आपको केवल अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है, तो वह आपकी भावनाओं पर कभी ध्यान नहीं देगा। उसको इस चीज से कोई मतलब नहीं होगा कि आप कब कैसा महसूस कर रहे हैं। ज्यादातर समय वह आपकी बात को काटने या नजरअंदाज करने की कोशिश करेगा।
इसे भी पढ़े- अगर पार्टनर आपके साथ करें ये 5 हरकतें तो हो जाएं सावधान, अलविदा कहने में न लगाएं देर
कॉन्फिडेंस गिराने की कोशिश करना
अपनी गलती न मानना
अगर व्यक्ति अपने पार्टनर पर गैसलाइटिंग कर रहा है, तो वह कभी भी अपनी गलती नहीं मानेगा। वह हमेशा अपने पार्टनर को ही गलत दिखाने की कोशिश करेगा। वह किसी भी मुद्दें में समझौता करने की कोशिश नही करेगा।
मुद्दें को भटकाने की कोशिश करना
ऐसे व्यक्ति हमेशा मुद्दें को भटकाने की कोशिश करते हैं। किसी भी समस्या पर बैठकर बात करने के बजाय उसे नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं।
इसे भी पढ़े- कई तरह के होते हैं लव रिलेशनशिप? किस तरह के रिश्ते में हैं आप?
गैसलाइटिंग का मानसिक स्वास्थ्य पर असर- Gaslighting Effects On Mental Health
गैसलाइटिंग किसी भी व्यक्ति के मन पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। इसके कारण व्यक्ति आंतरिक रूप से टूट जाता है और खुद पर भरोसा खोने लगता है।
कुछ मामलों में व्यक्ति खुद पर भी गैसलाइटिंग कर रहा होता है, यानी अपनी भावनाओं को नजरअंदाज करते रहना या अपने साथ हुए बुरे अहसास को नजरअंदाज करना।
"खुद पर गैसलाइटिंग करने का मतलब है अपनी भावनाओं को जानकर नजरअंदाज करना। जैसे कि अगर किसी व्यक्ति ने आपके साथ कुछ बुरा किया है, लेकिन आपने उसका कोई जवाब नहीं दिया। अब ऐसे में वह चीज आपके मन में घूमती रहेगी। इसके कारण घबराहट, बेचैनी, डिप्रेशन, चिंता रहने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।