मौसम के बदलाव और बाहरी संक्रमण को रोकने के लिए हमारे शरीर इम्यून सिस्टम कार्य करता है। दरअसल, हमारे खून में लाल रक्त कोशिकाएं और सफेद रक्त कोशिकाएं होती है। सफेद रक्त कोशिकाएं बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम होता है। लेकिन, कुछ लोगों के शरीर में इम्यून सिस्टम असामान्य तरीके से कार्य करता है। ये प्रतिक्रिया कैंसर की वजह से होती है। ल्यूकेमिया एक प्रकार का कैंसर हैं। इसमें बोन मैरो, लिम्फेटिक सिस्टम (लसीका प्रणाली) और शरीर में रक्त बनाने वाले टिश्यू प्रभावित होते हैं। डॉक्टर की मानें तो ल्यूकेमिया कई प्रकार के होते हैं। इसके कई प्रकार केवल वयस्कों में पाए जाते हैं। आगे नारायण मेडिकल सेंटर के डॉक्टर सुनिल भट्ट से ल्यूकेमिया के क्या लक्षण दिखाई देते हैं। साथ ही, इस कैंसर के प्रकार को भी आगे विस्तार से बताया गया है।
ल्यूकेमिया किन कारणों से होता है? Causes Of Leukemia In Hindi
ल्यूकेमिया के सटिक कारणों की फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। दरअसल, डॉक्टर के अनुसार ब्लड सेल्स में जेनेटिक बदलाव और डीएनए म्यूटेशन के कारण ल्यूकेमिया हो सकता है। सेल्स (कोशिकाओं) में डीएनए होते हैं, जो सेल्स के कार्य को परिभाषित करते हैं। डीएनए सेल्स को एक निश्चित दर से बढ़ने और एक निर्धारित समय में मरने के लिए के निर्देश देता है। ल्यूकेमिया में, डीएनए म्यूटेशन होने पर सेल्स बढ़ते और विभाजित होते हैं। ऐसे में ब्लड सेल्स का उत्पादन नियंत्रण से बाहर हो जाता है। समय के साथ, बोन मैरो में मौजूद हेल्दी ब्लड सेल खत्म होने लगते हैं। जिससे सफेद रक्त कोशिकाएं, लाल रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स की संख्या प्रभावित होती है।
ल्यूकेमिया के लक्षण क्या होते हैं? Symptoms Of Leukemia In Hindi
- बुखार या ठंड लगना
- लगातार थकान और कमजोरी
- बार-बार व गंभीर इंफेक्शन होना
- तेजी से वजन कम होना
- छोटी चोट में अधिक रक्त बहना
- ज्यादा पसीना आना, विशेषकर रात के समय
- हड्डियों में दर्द होना, आदि।
ल्यूकेमिया कितने प्रकार के होते हैं? Types Of Leukemia In Hindi
- एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (Acute lymphocytic leukemia): यह छोटे बच्चों में ल्यूकेमिया का सबसे आम प्रकार है। लेकिन, यह वयस्कों में भी हो सकते हैं।
- एक्यूट माइलोजेनस ल्यूकेमिया (Acute myelogenous leukemia): एएमएल ल्यूकेमिया का एक सामान्य प्रकार है। यह बच्चों और वयस्कों में होता है। एएमएल वयस्कों में देखने को मिलता है।
- क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (Chronic lymphocytic leukemia): क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया में व्यक्ति को उपचार की आवश्यकता नहीं होतीा है। व्यक्ति वर्षों तक बिना इलाज के रह सकते हैं।
- क्रोनिक मायलोजेनस ल्यूकेमिया (सीएमएल): इस प्रकार का ल्यूकेमिया मुख्य रूप से वयस्कों को प्रभावित करता है। इसमें व्यक्ति को शुरूआती दौर में कुछ लक्षण महसूस नहीं होते हैं।
- ल्यूकेमिया के अन्य प्रकार : अन्य, दुर्लभ प्रकार के ल्यूकेमिया मौजूद हैं, जिनमें हेयरी सेल ल्यूकेमिया, मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम और मायलोप्रलिफेरेटिव डिसऑर्डर शामिल हैं।
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ल्यूकेमिया का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है। इसमें डॉक्टर मरीज की उम्र और हेल्थ की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हैं। इसमें डॉक्टर कीमोथेरेपी, दवाओं, रेडिएशन थेरेपी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट व इन्यूनोथेरेपी से इलाज किया जा सकता है। यदि, व्यक्ति को ज्यादा समस्या महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें।