नींद में बोलना भी हो सकती है गंभीर बीमारी

By Harsha Singh
2023-09-24,10:48 IST

अगर कोई इंसान नींद में बहुत ज्यादा बात करता है, तो वह पैरोसोमनिया नाम के स्लीप डिसऑर्डर का शिकार हो सकता है। नींद में बात करने की कई वजहें हो सकती हैं, जैसे- तनाव, डिप्रेशन, नींद की कमी, थकान, शराब की लत आदि।

लक्षण

इस बीमारी को पहला लक्षण यह है कि नींद में बात करने वालों को दिन के समय बहुत नींद आती है। वहीं, अन्‍य लक्षणों में सांस लेने के तरीके में बदलाव, सोने के दौरान हिलना आदि कई परेशानियां महसूस हो सकती हैं।

किसे ज्‍यादा खतरा?

यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि, यह डिसऑर्डर शराब पीने वालों, तनाव में रहने वालों और मेंटल डिसऑर्डर के शिकार लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है।

इन बातों का रखें ध्‍यान

वैसे तो नींद में बाते करने की समस्‍या का अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है, लेकिन इसे कंट्रोल जरूर किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंसान रात में पर्याप्त नींद ले, रात को भारी भोजन न करें, तो इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।

कैफीन कम

अगर आपको नींद में बड़बड़ाने की आदत है, तो इंसान को कैफीन और चाय के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए। बता दें कि, रात में कैफीन वाली चीजों का सेवन करने से नींद उड़ जाती है, यह सेहत के लिए ठीक नहीं है।

स्ट्रेस

कई बार स्ट्रेस के कारण भी इंसान नींद में बड़बड़ाना शुरू कर देता है। अगर आपको बहुत ज्यादा तनाव हो रहा है, तो मेडिटेशन जरूर करें। स्ट्रेस की वजह से दिमाग में हमेशा दबाव रहता है, जिससे नींद नहीं आती।

ज्यादा नींद में बात करना स्लीप डिसऑर्डर हो सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com