Tests to Prevent Heart Diseases in Hindi: हृदय, छाती के सामने स्थित एक अहम अंग है। इसका मुख्य कार्य पूरे शरीर में रक्त पंप करना होता है। इसके अलावा, हृदय शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति करता है। यह कोशिकाओं और ऊतकों के बीच पोषक तत्वों को भी संचार करता है। इन सभी कार्यों (heart function in human body) को सही तरीके से करवाने के लिए हृदय का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है। लेकिन आजकल के खराब खान-पान और लाइफस्टाइल की वजह से अक्सर लोगों को हृदय से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। दुनियाभर में लाखों लोग हृदय रोगों से परेशान हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जब शरीर में हृदय रोग जन्म ले रहे होते हैं, तो व्यक्ति के इसके शुरुआती लक्षणों का भी अनुभव नहीं हो पाता है। जब हृदय रोग गंभीर स्थिति तक पहुंच जाता है, उस समय इसके लक्षणों का अनुभव होता है। ऐसे में इलाज में देरी के कारण हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर का जोखिम बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, कई बार तो व्यक्ति की जान तक चली जाती है। ऐसे में लंबा जीवन जीने और स्वस्थ रहने के लिए हृदय रोगों से बचाव बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको समय-समय पर कुछ टेस्ट जरूर करवाते रहने चाहिए। विश्व हृदय दिवस 2023 (जो कि 29 सितंबर को मनाया जाता है) के मौके पर हेल्थवॉच की मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुचरिता से जानते हैं हृदय रोगों से बचने के लिए कौन-कौन से टेस्ट करवाने चाहिए (Tests to Prevent Heart Diseases in Hindi)-
हृदय रोगों से बचने के लिए टेस्ट- Tests to Prevent Heart Diseases in Hindi
1. ब्लड प्रेशर- Blood Pressure
हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों का एक मुख्य कारण होता है। ऐसे में हृदय रोगों से बचने के लिए आपको ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहना चाहिए। नियमित ब्लड प्रेशर की जांच करने से हृदय रोगों से बचाव हो सकता है। अगर आपका बीपी 120/80 मिमी एचजी से नीचे है, तो यह सामान्य होता है। अगर रीडिंग इससे अधिक है, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
2. कोलेस्ट्रॉल पैनल- Cholesterol Panel
कोलेस्ट्रॉल पैनल में, संपूर्ण कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच की जाती है। इसमें गुड कोलेस्ट्रॉल, बैड कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स शामिल हैं। अगर एलडीएल का स्तर अधिक होता है, तो इससे हृदय रोगों का जोखिम बढ़ सकता है। नियमित जांच से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखा जा सकता है और हृदय रोगों से बचाव हो सकता है।
3. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)- ECG
ईसीजी एक जांच प्रक्रिया है, जिसे डॉक्टर द्वारा किया जाता है। इसमें किसी व्यक्ति की हृदय गति और अस्थिरता की जांच की जाती है। ईसीजी, हार्ट अटैक, हृदय रोग और असामान्य हार्ट बीट की पता लगाने में मदद करता है। अगर समय-समय पर ईसीजी करवाई जाए, तो इससे हृदय रोग के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
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4. स्ट्रेस टेस्ट- Stress Test
स्ट्रेस या तनाव न सिर्फ मानसिक रोगों को कारण बनता है, बल्कि इससे हृदय रोगों का जोखिम भी बढ़ता है। हृदय रोगों से बचने के लिए आपको स्ट्रेस टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। आपको बता दें कि स्ट्रेस टेस्ट करवाने से कोरोनरी धमनी रोग का पता लगाने में मदद मिल सकती है। स्ट्रेस टेस्ट से हृदय में रक्त के प्रवाह का भी आकलन किया जा सकता है।
5. ब्लड शुगर लेवल- Blood Sugar Level
जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, तो इससे डायबिटीज रोग होता है। डायबिटीज, हृदय रोगों का एक जोखिम कारक है। अगर आप नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करेंगे, तो इससे डायबिटीज और हृदय रोगों से बचाव किया जा सकता है। आप घर पर भी आसानी से ब्लड शुगर की जांच कर सकते हैं।
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6. एडवांस कार्डिएक इमेजिंग- Advanced Cardiac Imaging
कार्डियक इमेजिंग एक एडवांस टैक्निक है, जिसकी मदद से हृदय रोग और हार्ट फेलियर के बारे में पता लगाया जा सकता है। इसकी मदद से हृदय की जांच की जा सकती है और हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है। लेकिन इस टेस्ट को सिर्फ डॉक्टर द्वारा ही किया जाता है।
आप भी अपने हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के लिए समय-समय पर इन टेस्ट को करवा सकते हैं। इससे हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी। टेस्ट में कोई गड़बड़ी आने पर समय से इलाज भी किया जा सकता है।