#MondayMotivation: वजन घटाने वाले 'जुम्बा डांस' को लेकर आपके मन में भी तो नहीं है भ्रम? जानें सच्चाई

मस्ती-मस्ती में वजन घटाने और फिटनेस पाने के लिए जुम्बा डांस बेस्ट है। जुम्बा स्पेशलिस्ट सुचेता पाल से जानें तेजी से पॉपुलर हो रहे इस डांस के बारे में।

सुचेता पाल
Written by: सुचेता पालUpdated at: Jan 27, 2020 11:45 IST
#MondayMotivation: वजन घटाने वाले 'जुम्बा डांस' को लेकर आपके मन में भी तो नहीं है भ्रम? जानें सच्चाई

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जुम्बा एक तरह का डांस है, जो इन दिनों तेजी से पॉपुलर हो रहा है। इसके लोकप्रिय होने का कारण यह है कि इस डांस को करते हुए मस्ती-मस्ती में आप अपना वजन घटा सकते हैं। मतलब डांस और मस्ती के साथ-साथ वेट लॉस करना है, तो जुम्बा आपके लिए परफेक्ट है। इस डांस के मूव्स ऐसे हैं, जो आपके शरीर की कई महत्वपूर्ण मांसपेशियों का वर्कआउट भी कर देते हैं और आपको जिम की तरह भारी-भरकम मशीनों से भी नहीं जूझना पड़ता है।

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किसी भी उम्र या वजन के महिला-पुरुष-बच्चे अगर फुल बॉडी वर्कआउट करना चाहते हैं और अपने शरीर को शेप में रखना चाहते हैं, तो उनके लिए जुम्बा डांस बेस्ट है। जुम्बा चूंकि भारत में अभी हाल में ही आया है और पिछले कुछ समय में ही पॉपुलर होना शुरू हुआ है, इसलिए लोगों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है। इंटरनेट पर भी जुम्बा डांस को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है। इसलिए मैं आपको बता रही हूं जुम्बा डांस से जुड़े कुछ खास मिथकों और उसकी सच्चाई के बारे में, जो आपका भ्रम दूर कर देंगे।

मिथक 1: जुम्बा सालसा की तरह होता है

कुछ लोगों को लगता है कि जुम्बा और सालसा लगभग एक तरह के डांस हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि जुम्बा सिर्फ डांस नहीं, बल्कि फिटनेस डांस फॉर्म है, जिसके स्टेप्स अलग-अलग डांस फॉर्म्स से लिए गए हैं। ये सालसा, कुम्बाई, फ्लेमेंको, बैली डांस, टैंगो और कुछ बॉलीवुड स्टेप्स का मिक्सचर है। इन सभी को मिलाकर एक आसान सा डांस फॉर्म बनाया गया है, जिसे सामान्य लोग, खासकर मोटे लोग आसानी से कर सकते हैं। ये डांस अपने आप में खास इसलिए है क्योंकि इसे करने वाले को इस बात का एहसास भी नहीं होता है कि वो फुल बॉडी वर्कआउट कर रहा है।

मिथक 2: केवल पतले और फिट लोग ही जुम्बा कर सकते हैं

ये भी जुम्बा से जुड़ा आम मिथक है। जुम्बा डांस सभी के लिए है। किसी भी उम्र या वजन वाला व्यक्ति इस डांस को बिना चिंता के कर सकता है। इस डांस को करने से जिम में एक्सरसाइज करने की तरह हाथ-पैरों में दर्द और खिंचाव नहीं होता है। हां, यह जरूरी है कि उम्र के हिसाब से व्यक्तियों के लिए अलग-अलग मॉड्यूल्स सेट किये गए हैं। इन सबसे अगल, जुम्बा के कुछ खास मूव्स तो ऐसे हैं, जो पूरी तरह से बूढ़े लोगों के लिए डिजाइन किए गए हैं। जिन लोगों को शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं हैं, वो भी बिना बॉडी डैमेज की चिंता किए इस डांस को आसानी से कर सकते हैं।

मिथक 3: जुम्बा इंस्ट्रक्टर कोई भी बन सकता है

सिर्फ लाइसेंसधारी इंस्ट्रक्टर ही सही जुम्बा मूव्स को सिखा सकते हैं। चूंकि इस डांस के दौरान धुन पर डांस करने के बजाय अन्य फैक्टर्स पर भी ध्यान दिया जाता है और इसमें परफेक्शन के लिए बहुत प्रैक्टिस की जरूरत होती है, इसलिए हर कोई जुम्बा नहीं सिखा सकता है। जुम्बा ट्रेनर बनने के लिए लोगों की जरूरत को समझना बहुत जरूरी है, ताकि डांसिंग के दौरान उनकी सेहत को नुकसान न पहुंचे।

मिथक 4: जुम्बा एक ही फॉर्म का नाम है

कुछ लोगों को लगता है कि जुम्बा एक ही तरह का होता है, मगर ऐसा नहीं है। जुम्बा के कई फायदे हैं, इसलिए कौन सा व्यक्ति किस उद्देश्य से जुम्बा करना चाहता है, उसके आधार पर जुम्बा कई तरह के होते हैं, जैसे- फिटनेस , गोल्ड ट्रेनिंग आदि। अगर आप जिम में वर्कआउट करने के बजाय सिर्फ सामान्य फिटनेस के लिए जुम्बा करना चाहते हैं, तो आपके लिए 'जुम्बा फिटनेस' फायदेमंद है, जिसमें धुन पर नाचने के दौरान हाई एनर्जी लैटिन मूव्स किए जाते हैं, जिससे पूरे शरीर का वर्कआउट होता है और वजन घटता है। वहीं अगर आप थोड़ा उम्रदराज हैं और शरीर के कुछ अंगों की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो आपके लिए 'जु्म्बा गोल्ड' ट्रेनिंग है। इसमें व्यक्ति के नाजुक और संवेदनशील अंगों का ध्यान रखते हुए डांस मूव्स तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा जो लोग अपने बॉडी को शेप में लाना चाहते हैं, उनके लिए 'जुम्बा टोनिंग' अच्छा है, क्योंकि इसमें विशेष अंगों को टागरेट करके मूव्स किए जाते हैं, जिससे वो अंग टोन होने लगता है। इसके अलावा कार्डियो, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आदि कई चीजें हैं, जिनके अनुसार जुम्बा के कई फॉर्म्स बनाए गए हैं।

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