आज के समय में लोगों की दिनचर्या में बदलाव आ चुका है। युवा हों या बुजुर्ग सभी अपना ज्यादातर समय स्क्रीन पर ही बिताना पसंद करते हैं। बेशक, आज के समय में आसपास की दुनिया के बारे में अपडेट रहने के लिए यह जरूरी हो, लेकिन इसके साइड इफेक्ट आपकी आंखों पर साफ देखें देखे जा सकते हैं। प्रदूषण, डाइट में पोषण की कमी और बढ़ता स्क्रीन टाइम, ये तीनों मिलकर आपकी आंखों को कई तरह के नुकसान पहुंचा सकते हैं। आंखों की समस्याओं को दूर करने में आयुर्वेद में कई उपचार व थेरेपीज का जिक्र मिलता है। ओनलीमायहेल्थ अपने सभी पाठकों को रोग मुक्त बनाने के लिए आयुर्वेद से संबंधित एक विशेष सीरीज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ लेकर आया है। इस सीरीज में हम आयुर्वेद के विशेषज्ञों व अनुभवी डॉक्टरों से बात कर आपको विभिन्न रोगों के लक्षण, कारण और बचाव के तरीकों की सटीक जानकारी प्रदान करते हैं। आज इस सीरीज में हम आपको आंखों की समस्याओं को दूर करने के लिए नेत्र तर्पण थेरेपी के बारे में बताने जा रहे हैं। इस थेरेपी को जानने के लिए हमने आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग (BAMS, DNHE, YIC) से बात की। उन्होंने बताया कि यह नेत्र तर्पण थेरेपी कैसे की जाती है और इससे आंखों की किन समस्याओं में आराम मिलता है।
आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग (Instagram-Vaidik_era_ayurveda) के अनुसार "प्राचीन भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में स्वास्थ्य का ध्यान रखने के अनगिनत तरीके बताए गए हैं, और उनमें से एक तरीका है "नेत्र तर्पण"। नेत्र तर्पण विशेष रूप से आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और रोगों से बचाव के लिए अपनाया जाता है। आंखों में रेटिना संबंधी समस्या, कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम, मस्कुलर डिजेनेरेशन, आंखों के इन्फेक्शन, ड्राय आई सिंड्रोम, ड्रूपी आईलिड आदि कई रोगों में इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।"
नेत्र तर्पण थेरेपी कैसे की जाती है? | Process Of Netra Tarpan Therapy In Ayurveda In Hindi
आयुर्वेद में नेत्र तर्पण एक प्रमुख और प्रभावी चिकित्सा प्रक्रिया है, जो आंखों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करती है। संस्कृत में इसे नेत्र तर्पणम् कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है 'नेत्रों का पोषण'। इस प्रक्रिया में, आयुर्वेदिक औषधियों से घी को सिद्ध कर उपयोग किया जाता है। इसमें उड़द और आटे को मिक्स कर एक पेस्ट बनाया जाता है। इसके बाद इस पेस्ट से आंखों पर एक रिंग बनाई जाती है। इस रिंग में हल्का गुनगुना औषधि युक्त घी डाला जाता है। इस थेरेपी को 15 से 20 मिनट तक किया जाता है।
नेत्र तर्पण थेरेपी का उपयोग किन रोगों में किया जा सकता है? | Which Diseases Can Be Cured With Netra Tarpan Therapy In Hindi
- यह थेरेपी आंखों की खराबी जैसे कि कम दिखाई देना, आंखों में जलन होना, धुंधला दिखना, आंखों की थकावट,आदि के उपचार में मदद कर सकती है। नेत्र तर्पण आंखों की थकान को कम करके इसके स्ट्रेस और दबाव को दूर करता है।
- इस चिकित्सा पद्धति का उपयोग आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। आंखों के चारों ओर ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने में भी नेत्र तर्पण प्रभावी रूप से काम करता है।
- नेत्र तर्पण आंखों के विभिन्न रोगों जैसे कि कंजक्टिवाइटिस (आंख आना), कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम, ड्राय आई सिंड्रोम, ग्लूकोमा, मस्कुलर डिजेनेरेशन, आंखों के इन्फेक्शन, स्क्वेंट (भेंगापन), म्येस्थेमिया ग्रेविस, ड्रूपी आईलिड आदि रोगों के उपचार में सहायक होता है।
- नेत्र तर्पण आपकी आंखों के बचाव के लिए सहायक होता है। साथ ही, यह बढ़ती उम्र के कारण आंखों में होने वाली समस्याओं से भी आपका बचाव करती है।
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आंखों की किसी भी समस्या को अनदेखा न करें। इससे आपको दिखाई देने में कमी आ सकती है। नेत्र तर्पण विधि को घर पर न करें। इस थेरेपी को आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में किया जाता है। साथ ही, आंखों को सुरक्षित रखने के लिए भी आप इस थेरेपी को अपना सकते हैं। इस सीरीज में हम आपको आयुर्वेद से जुड़ी अन्य उपयोगी विषयों के बारे में जानकारी देते रहेंगे। आयुर्वेद के द्वारा अन्य रोगों के इलाज को जानने के लिए हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com के साथ जरूर जुड़ें। इन लेखों को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करें, ताकि इस सीरीज का फायदा अन्य लोगों को भी मिले।