हर महिला जीवन में प्रेग्नेंसी का अनुभव करना चाहती है। लेकिन, कई बार कुछ महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से कंसीव करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आरएच निगेटिव प्रेग्नेंसी, गर्भावस्था से संबंधित समस्या है। Rh फैक्टर को रीसस फैक्टर भी कहा जाता है। यह रेड ब्लड सेल्स की सतह पर पाया जाने वाला प्रोटीन होता है। यदि महिला Rh-नेगेटिव हैं और उनका बच्चा Rh-पॉजिटिव है, तो इससे गर्भावस्था के दौरान समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में, हम साईं पॉलीक्लिनिक की स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से जानते हैं कि Rh-नेगेटिव प्रेग्नेंसी क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
Rh-नेगेटिव प्रेग्नेंसी क्या है? - What Is Rh-Negative Pregnancy In Hindi
Rh-नेगेटिव प्रेग्नेंसी को आर एच रोग के रूप में भी जाना जाता है। यह समस्या तब होती है, जब Rh-नेगेटिव ब्लड टाइप (जैसे, A-, B-, AB-, या O-) वाली महिला, Rh-पॉजिटिव ब्लड टाइप वाले बच्चे को जन्म देती है। आरएच फैक्टर बच्चे को अनुवांशिक रूप से मिलता है।
इस स्थिति में समस्या तब उत्पन्न होती है, जब मां और बच्चे के आरएच फैक्टर के बीच समानता नहीं होती है। यदि मां का इम्यून सिस्टम बच्चे के ब्लड में आरएच फैक्टर को बाहरी पदार्थ के रूप में पहचानता है, तो यह बच्चे के रेड ब्लड सेल्स पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकती है। इससे गर्भावस्था के दौरान समस्याएं हो सकती है।
आरएच से जुड़ी समस्या को कैसे रोकें - Preventing Rh Incompatibility In hindi
लेटस्ट टेक्नोलॉजी के द्वारा आरएच फैक्टर से जुड़ी समस्याओं को कम करने या मैनेज किया जा सकता है। आगे जानते हैं Rh-नेगेटिव की समस्याओं को कैसे बचाव करें।
रेगुलर ब्लड टाइप टेस्ट
महिलाओं के ब्लड टाइप और आरएच फैक्टर की पहचान करने के लिए, कंसीव करने से पहले डॉक्टर ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। महिलाओं की Rh स्थिति जानना Rh-नेगेटिव प्रेग्नेंसी को मैनेज करने का पहला उपाय हो सकती है।
RhoGAM वैक्सीन
Rho(D) इम्यून ग्लोब्युलिन को RhoGAM के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी वैक्सीन है जो Rh-नेगेटिव मां के शरीर में Rh एंटीबॉडी के बनने को रोक सकती है। यह आमतौर पर गर्भावस्था के 28वें सप्ताह के आसपास और फिर बच्चे के जन्म के 72 घंटों के भीतर दी जा सकती है। RhoGAM किसी भी Rh-पॉजिटिव ब्लड सेल से जुड़कर काम करती है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान मां के ब्लड सर्कुलेशन में प्रवेश कर सकती है और उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बच्चे खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन करने से रोकती है।
जन्म के समय बच्चे का आरएच टेस्ट
बच्चे के जन्म के बाद आरएच फैक्टर को निर्धारित करने के लिए बच्चे की गर्भनाल से ब्लड के सैंपल लेकर टेस्ट किया जा सकता है। यदि बच्चा Rh-पॉजिटिव है, तो अतिरिक्त RhoGAM इंजेक्शन आवश्यक हो सकते हैं।
बाद की प्रेग्नेंसी में समस्याएं
Rh फैक्टर की समस्या के बाद की प्रेगनेंसी में अधिक जोखिम भरी हो सकती है। यदि आरएच-नेगेटिव मां ने अपनी पहली गर्भावस्था के दौरान एंटीबॉडी विकसित करती है, तो वे गर्भनाल को पार कर सकते हैं। जिससे दूसरी बार गर्भधारण में आरएच-पॉजिटिव बच्चे की रेड ब्लड सेल्स पर मां के एंटीबॉडीज नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Rh-नेगेटिव प्रेग्नेंसी में किन समस्याओं का खतरा अधिक होता है - Complications of Rh-Negative Pregnancy In Hindi
- नवजात शिशु का हेमोलिटिक रोग (एचडीएन): एचडीएन तब होता है जब मां के एंटीबॉडी बच्चे के रेड ब्लड सेल को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बच्चे में एनीमिया और पीलिया हो जाता है। गंभीर मामलों में ब्रेन डैमेज या जन्म से पहले ही बच्चे की मृत्यु हो सकती है।
- लिवर का बढ़ना: बच्चे की सप्लीन और लिवर बढ़ सकते हैं क्योंकि वे डैमेज रेड ब्लड सेल को तोड़ने और हटाने का काम करते हैं।
- हाइड्रोप्स फेटालिस: गंभीर मामलों में, हाइड्रोप्स फेटालिस नामक स्थिति को जन्म दे सकती है। इसमें बच्चे के पूरे शरीर में गंभीर सूजन होती है। यह स्थिति जीवन के लिए खतरा हो सकती है।
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इस तरह की समस्या में आपको डॉक्टर की सलाह पर ही पूरा ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर आपके शरीर और आरएच फैक्टर की स्थिति पर आपको सही सलाह देते हैं।