प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन कई तरह के बदलाव लेकर आती है। इस समय महिलाओं को खुद के साथ ही गर्भ में पलने वाले बच्चे का भी पूरा ध्यान देना होता है। इसके साथ ही, उसके निरंतर विकास के लिए भी जरूरी विटामिन और मिनरल्स लेने होते हैं। ऐसे में उनको अपनी डाइट में कई तरह के बदलाव करने पड़ते हैं। प्रेग्नेंसी में सदियों से चले आ रहे दादी और नानी के नुस्खों का भी उपयोग किया जाता है। इस दौरान महिलाओं को बच्चे के स्वास्थ के लिए केसर खाने की सलाह दी जाती है। अधिकतर महिलाएं इन उपायों को अपनाती हैं। आज इस लेख में हम प्रेग्नेंसी के दौरान केसर खाने के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस विषय को समझने के लिए हमनें साईं पॉलिक्लिनिक की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विभा बंसल से भी बात की। आगे जानते हैं कि महिलाओं को प्रेग्नेंसी में कब केसर खाना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में केसर कब खाना चाहिए - When To Eat Saffron During Pregnancy In Hindi
डायटिशियन और एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में केसर को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। दूसरी तिमाही तक महिलाओं को जी मिचलाने और उल्टी आने जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं। इस समस्या में मुंह का स्वाद खराब हो जाता है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाएं मुंह के स्वाद को बदलने के लिए केसर का सेवन कर सकती हैं। केसर को लेते समय महिलाओं को बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। इस दौरान केसर के मात्र 5 से 7 धागे ही डाइट में शामिल करें। इसे अधिक खाना सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
वहीं डॉक्टर प्रेग्नेंसी में केसर खाने की सलाह नहीं देते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह का बदलाव आपके बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, इससे बच्चे का विकास भी बाधित हो सकता है। ऐसे में केसर की मात्रा अधिक लेने से बच्चे और मां को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भावस्था के दौरान केसर के फायदे - Benefits Of Saffron During Pregnancy in Hindi
पोषक तत्वों से भरपूर
केसर में मैंगनीज, विटामिन बी 6, पोटेशियम और आयरन सहित आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व महिलाएं और भ्रूण दोनों की हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
मूड में सुधार करना
गर्भावस्था अक्सर मूड में बदलाव और तनाव लाती है। केसर में सफ्रानल और क्रोसिन जैसे यौगिक होते हैं, जो मूड में सुधार और चिंता के लक्षणों को कम करने का कार्य कर सकते हैं।
पाचन में सहायक
गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर सूजन और कब्ज जैसी पाचन समस्याओं का अनुभव होता है। केसर पाचन में सहायक होता है। साथ ही, गैस और अपच जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक होता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
केसर एंटीऑक्सीडेंट का मुख्य स्रोत माना जाता है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है। इससे गर्भावस्था के दौरान सेल्स के डैमेज को रोकने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनने में मदद मिलती है।
केसर को डाइट में कैसे करें शामिल - How To Eat Saffron During Pregnancy in Hindi
- प्रेग्नेंसी में केसर वाला दूध भी पी सकते हैं। इसे बनाने के लिए आप केसर के दो से चार धागों को दूध में डालकर उबाल लें। जब दूध का रंग हल्का पीला हो जाए तो इसे गैस से उतार लें। इस दूध का सेवन करने से प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे को कई फायदे मिलते हैं।
- प्रेग्नेंसी में आप घर में मिठाइयों को बनाते समय केसर का उपयोग कर सकते हैं।
- गर्भावस्था में आप केसर की चाय का भी सेवन कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए आप केसर के दो से चार धागों को करीब दो कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो गैस को बंद करें। इसमें आप शहद को मिलाकर सुबह पी सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी में केसर खाने से पहले आप अपने डायटिशियन से सलाह अवश्य लें। कुछ महिलाओं को केसर से एलर्जी होती है, ऐसे में महिलाओं को प्रेग्नेंसी में केसर का उपयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही, केसर का उपयोग करने से पहले उसकी क्वालिटी की भी जांच कर लेनी आवश्यक होती है। बाजार में केसर की कई क्वालिटी उपलब्ध है। ऐसे में शुद्ध केसर की पहचान करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।