आजकल की भागदौड़ वाली जिन्दगी ने हमारी जीवनशैली को अनियमित कर दिया है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक अच्छी जीवन शैली का होना बहुत ही जरुरी होता है। खराब जीवनशैली के कारण बीमारियां पूरे समाज को अपनी गिरफ़्त में लेती जा रही है। इन्हीं बीमारियों में से एक है मधुमेह अर्थात डायबिटीज, जो इंसान को धीरे-धीरे मौत के मुंह तक ले जाती है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को एक बार पकड़ लेती है तो फिर उसका पीछा नहीं छोड़ती है और कई सारी बीमारियों को निमंत्रण दे सकती है।
"वर्ष 2019 के आंकड़ो की बात करें तो भारत में डायबिटीज के मरीजों की कुल संख्या 7.2 करोड़ थी। जिसमें से 3.6 करोड़ लोग ऐसे भी थे जिनको ये पता भी नही था कि उन्हें डायबिटीज है। विश्व स्तरीय आंकड़ों की बात करें तो हर पांचवा भारतीय डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित है। सामान्य रुप से 90.95 प्रतिशत रोगी टाइप -2 (Diabetes type-2) से पीड़ित है।" वर्तमान समय में डायबिटीज सबसे घातक बीमारी बन चुकी है। भारत के साथ-साथ संपूर्ण विश्व में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है। भारत में डायबिटीज की बीमारी का स्तर तो इस कदर बढ़ रहा है कि भारत को डायबिटीज के मरीजों की राजधानी कहा जाने लगा है। अब ऐसे में सबसे पहले यह प्रश्न उठता है कि डायबिटीज होती कैसे है?
डायबिटीज का कारण
डायबिटीज की बीमारी का मुख्य कारण होता है पैंक्रियाज में इंसुलिन की मात्रा कम होना, जिसके कारण रक्त में ग्लूकोज का लेवन बढ़ने लगता है। इंसुलिए एक प्रकार का हार्मोन होता है जिसका निर्माण पाचक ग्रंथियों के द्वारा होता है। इंसुलिन हार्मोन का मुख्य कार्य होता है शरीर में शुगर की मात्रा पर नियंत्रण करना। जब किसी को डाइबिटीज हो जाती है तो इस स्थिति में शरीर को भोजन के द्वारा ऊर्जा मिलने में परेशानी आ जाती है। ऐसी अवस्था में शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिससे शरीर के बहुत से अंग प्रभावित होने लगते है।
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डायबिटीज कैसे बना सकती है इनफर्टिलिटी (निःसंतानता) का कारण
जब किसी महिला या पुरुष में ब्लड शुगर बढ़ जाता है तब उसकी नसें, किडनी तथा रक्त प्रवाहिका (Blood Vessels) बहुत ज्यादा प्रभावित होती हैं। इसके साथ-साथ डायबिटीज की बीमारी का असर लोगों की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा कहती हैं कि डायबिटीज की बीमारी के कारण महिला तथा पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता ( फर्टिलिटी) बहुत ही कमजोर हो जाती है। डायबिटीज का असर महिला तथा पुरुष की सेक्सुअल लाइफ पर विभिन्न प्रकार से पड़ता है।
डायबिटीज कैसे महिला एवं पुरुषों की फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचाता है?
डायबिटीज के द्वारा कैस प्रभावित होती है पुरुषों की प्रजनन क्षमता–
मधुमेह या डायबिटीज से जो पुरुष ग्रसित हो जाते है उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज के कारण पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने लगते है, स्पर्म की गुणवत्ता में कमी आने लगती है, स्पर्म की गतिशीलता कमजोर हो जाती है तथा इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction) जैसी कई समस्याएं हो सकती है। Asian Journal of Andrology में प्रकाशित एक लेख में यह साफ तौर पर बताया गया है कि जिन पुरुषों को डायबिटीज (Diabetes Type-1 or type-2) है तो उनमें मुख्य रुप से स्पर्म की क्वालिटी कमजोर हो जाती है तथा स्पर्म काउंट भी कमजोर हो जाता है। निःसंतानता विशेषज्ञो का कहना है कि जिन पुरुषो का लो स्पर्म काउंट(Low sperm count) होता है उनको गर्भधारण (गर्भस्थापित) में समस्या तो आती ही है और साथ में भ्रूण भी अच्छी प्रकार से विकाश नही कर पता है। पुरुषों में इनफर्टिलिटी की जांच के द्वारा इस बात का पता लगाया जा सकता है कि पुरुष पिता बनने में सक्षम है या नहीं।
डायबिटीज के द्वारा कैस प्रभावित होती है महिलाओं की प्रजनन क्षमता –
जो महिलाएं डायबिटीज की समस्या से परेशान होती है उनमें देर से पीरियड्स आते है और साथ में अन्य प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी दिक्कातों का सामना करना पड़ता है। मधुमेह की बीमारी की वजह से महिलाओं में असमय ही मीनोपॉज की अवस्था आ सकती है। यही कारण है कि डायबिटीय के द्वारा महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। इस बात को लेकर बहुत सारे शोध एवं अध्ययन हुए है जिनमें यह सिद्ध हो चुका है कि डायबिटीय का सीधा संबंध निःसंतानता से है। महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर डायबिटीज की बीमारी का गहरा असर पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार यह पाया गया कि जिन महिलाओं को टाइप-1 डायबिटीज थी, उसकी प्रजनन क्षमता एक स्वास्थ्य महिला की अपेक्षा 17 फीसदी कम थी। इसलिए इस शोध के आधार पर कहा जा सकता है कि डायबिटीज का असर महिला की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है।
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आयुर्वेद से कैसे दूर करें मधुमेह (डायबिटीज) और निःसंतानता?
यदि आप गर्भधारण की कोशिश कर रहें है और आपको डायबिटीज है तो आयुर्वेद में कुछ ऐसे उपचार उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से आप मधुमेह की बीमारी को दूर करके संतान सुख प्राप्त कर सकती हैं।
- मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो पीढ़ी-दर पीढ़ी चली जाती है इसलिए आयुर्वेद में इसको दूर करने कि गर्भ संस्कार (Garbh Sanskar) की प्रक्रिया है जिसको अपनाकर आप अपनी आने वाली अगली पीढ़ी (Next Generation) को मधुमेह जैसी बीमारी से बचा सकते है।
- आयुर्वेद की पंचकर्मा थेरेपी के अंतर्गत कुछ ऐसी हर्बल औषधियां है, जिनका सेवन यदि किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में करते है तो निश्चत ही आप मधुमेह को दूर करने में सफल होंगे।
- गर्भधारण करने के पूर्व किसी अच्छे पंचकर्मा केन्द्र (आयुर्वेदिक निःसंतानता केन्द्र) में अपने शरीर का अच्छे से शोधन जरुर करवायें। जिससे आपके शरीर का शुद्धिकरण हो जायेगा और आप एक स्वस्थ संतान को जन्म देने के लिए तैयार हो जायेंगे।
- महिला स्वास्थ्य संबंधित समस्या से छुटकारा पाने हेतु आयुर्वेद एक बेहतरीन विकल्प है। यदि आपको भी किसी महिला स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है तो आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जरुर मिलें।
नोटः– ऊपर बतायें गये सभी उपाय एवं उपचार आशा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा से हुई बातचीत के दौरान प्राप्त हुए हैं।
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