क्या है अल्जाइमर
अल्जाइमर को शुरुआत में पहचानना मुश्किल होता है। रोगी को पता ही नहीं चलता और यह बीमारी दिमाग को प्रभावित करके उसकी याद्दाश्त और सोचने-समझने की क्षमता में अवरोध उत्पन्न करने लगती है। रोग की चपेट में आने पर व्यक्ति ठीक से सोचने-समझने, बोलने, काम करने में परेशानी महसूस करने लगता है। उसका सामाजिक दायरा संकुचित होता चला जाता है और वह अपने आप में सिमटता चला जाता है। हालांकि बीमारी के शुरूआती दौर में नियमित जांच और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है।
इन गतिविधियों से पाएं अल्जाइमर पर काबू
इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए मरीज को बौद्धिक गतिविधियों से जुड़ा रहना चाहिए। पढ़ाई, खेलकूद जैसे क्रास वर्ड और अन्य दिमागी शक्ति लगने वाली गतिविधियों के साथ सामाजिक क्रियाकलाप में सक्रिय रहना चाहिए। रोज टहलना और थोड़ा व्यायाम करना चाहिए।
खानपान से रखे याददाश्त मजबूत
बादाम और ड्राई फ्रूट खाने से दिमाग तेज होता है और याददाश्त बढ़ती है। फूलगोभी के सेवन से दिमाग तेज होता है। इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं। यदि बढ़ती उम्र में लोग अपना काम खुद करते हैं तो उन्हें अल्जाइमर रोग होने का खतरा कम होता है और याददाश्त तेज होती है। अल्जाइमर के दौरान दिमाग में बढ़ने वाले जहरीले बीटा-एमिलॉयड नामक प्रोटीन के प्रभाव को ग्रीन टी के सेवन से कम किया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल अल्जाइमर रोग से लड़ने में मदद करती हैं।
अल्जाइमर के में ऐसे फूड से बचें
अगर अल्जाइमर रोग हो तो तिल, सूखे टमाटर, कद्दू, मक्खन, चीज, फ्राइड फूड, जंकफूड, रेड मीट, पेस्ट्रीज और मीठे का सेवन न करें।
योग और व्यायाम से करें पाएं काबू
रोजाना व्यायाम और योग करके अल्जाइमर के प्रभाव को कम किया जा सकता है। मेडिटेशन करने से भूलने की समस्या पर काबू पा सकते हैं। याददाश्त तेज करने के लिए सर्वांगासन करें। दिमाग तेज करना हो और याददाश्त बनाए रखनी हो तो भुजंगासन करें। एकाग्रता बढ़ाने के लिए कपालभाति प्राणायाम करें।