क्या : घर बैठे बच्चों को फिट रखने का उठाया जिम्मा।
क्यों : लॉकडाउन में फिटनेस के प्रति लोगों को जागरूक किया।
जीवन में फिटनेस के महत्व को जितना जल्दी समझ लिया जाए उतना ही हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। बेंगलुरु के रहने वाले 16 वर्षीय छात्र रोहन राय बहुत पहले इस बात को समझ चुके थे। दरअसल बचपन में रोहन का वजन बहुत ज्यादा था, जिसकी वजह से स्कूल के बच्चे उन्हें चिढ़ाते भी थे। रोहन को यह चीज अच्छी नहीं लगती थी, इसलिए उन्होंने खुद को बदलने की ठानी। आज रोहन न केवल एक राष्ट्रीय स्क्वैश खिलाड़ी है, बल्कि उन्होंने तैराकी और टेनिस में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व भी किया है।
फिटनेस को लेकर रोहन का जुनून इस कदर बढ़ गया है कि उन्होंने लॉकडाउन में घर बैठे बच्चों के लिए कोविड फिट क्लब (CFC) की शुरुआत कर दी। इसमें वह बच्चों को फिट रहने के तरीके बताते हैं। आज यह कल्ब इतना बड़ा हो गया कि हफ्ते में कुल 28 ऑनलाइन सेशन होते हैं। उनके इस योगदान को देखते हुए OMH Healthcare Heroes Award में उन्हें अवेयरनेस वॉरियर - बेस्ट आउट ऑफ दी बॉक्स आइडिया के लिए नॉमिनेट किया गया है।
दरअसल, कोरोना महामारी ने काम करने, खेलने और खानपान के तरीकों को बदल दिया है। पहले बच्चे कुछ भी खा लेते थे, बाहर जाकर दोस्तों के साथ खेल लेते थे, अब कुछ भी करने पर सावधानियां बरतनी होती है। लॉकडाउन के दौरान यह दिक्कत ज्यादा थी। सीमित जगह पर उन्हें अपने सभी काम करने होते थे। पार्क और स्कूल के मैदान में खेलने वाले बच्चे घर कैसे खुद को फिट रखें, यह माता पिता के लिए एक समस्या थी। यह नहीं, समस्या यह भी थी कि बच्चे शारीरिक गतिविधियों में कम, टीवी, फोन, लैपटॉप पर ज्यादा समय बिता रहे थे। इन सब समस्याओं को देखते हुए रोहन राय अपने दोस्त आकाश राघवन के साथ मिलकर एक सरल समाधान लेकर आए, जिसका नाम है कोविड फिट क्लब।
इसके लिए रोहन और आकाश ने बॉडी वेट वर्कआउट और HIIT (हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग) के संयोजन से वर्कआउट शेड्यूल तैयार किया और जूम एप के जरिए ऑनलाइन सेशन लेना शुरू कर दिया। दो दिनों के भीतर उनके पास 10 छात्र थे और पांचवें दिन बड़ी संख्या में नामांकन होने लगे। पहले हफ्ते में उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। शुरुआत में रोहन ने अपने क्षेत्र के बच्चों को ही इस कल्ब में शामिल करने की योजना बनाई थी। लेकिन दूसरी जगहों के बच्चे भी इसमें शामिल होना चाहते थे। पहले हफ्ते में 6 सेशन होते थे, लेकिन अब यह 28 सेशन तक पहुंच चुका है।
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रोहन के अनुसार "महामारी एक मानसिक महामारी है, क्योंकि अधिकांश बच्चों को पता ही नहीं था कि इस स्थिति में क्या करना है। बच्चे देर से सोते थे और देर से उठते थे और स्क्रीन के सामने घंटों बिताते थे। ऐसे में माता पिता को चिंता होने लगती थी"। रोहन को इसका हल निकालने में ज्यादा समस्या नई हुई, क्योंकि वह खुद भी रोजाना 3 से 4 घंटे व्यायाम करते हैं।
कोविड फिट क्लब को जिस तरह से प्रतिक्रिया मिल रही थी, उसको देखते हुए रोहन ने इसे बिजनेस मॉडल के रूप में विकसित करना शुरू कर दिया और सेशन के लिए फीस लिया जाने लगा, ताकि COVID राहत में योगदान दिया सके। उनके इस प्लेटफॉर्म पर ज्यादा से ज्यादा बच्चे जुड़ रहे थे और डांस व योग प्रशिक्षकों तथा न्यूट्रिशनिस्ट की मांग उठ रही थी। ऐसे में उन्होंने प्लेटफॉर्म को चैरिटी के लिए खोल दिया।
आज कोविड फिट क्लब में 6 विभाग हैं, जिसमें 43 लोग काम करते हैं- 16 इंस्ट्रक्टर और 27 बिजनेस से जुड़े लोग। इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेनर्स अमेरिका, ब्रिटेन और भारत के विभिन्न हिस्सों जैसे लुधियाना, जयपुर, चंडीगढ़ आदि से हैं।
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कोविड फिट क्लब में शामिल बच्चों की उम्र 5 से 15 वर्ष की है। रोहन के मुताबिक, "हम तीन तरीके से बच्चों को एक्सरसाइज करना सिखाते हैं, जिसमें रेगुलर फिटनेस, त्वरित चुनौती के साथ फिटनेस (इसमें बच्चों को कुछ करने के लिए चैलेंज दिया जाता है) और तीसरा प्रशिक्षकों के साथ प्रतिस्पर्धा। सेशन का अंतिम 15 मिनट आहार और आराम पर चर्चा के लिए रखा गया है।"
कोरोना महामारी में खुद को स्वस्थ्य और फिट रखना बहुत जरूरी है। कोविड फिट क्लब को बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए शुरू किया गया था। आज इस प्लेटफॉर्म से कई बच्चे जुड़कर खुद को पूरे दिन खुश और प्रेरित पाते हैं।
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