Disadvantages Of Feeding Children By Showing Mobile Phone In Hindi: ‘क्या करूं बच्चा खाना खाता ही नहीं, इसलिए मोबाइल में वीडियो चला देती हूं। इस बहाने वह कुछ खा तो लेता है। मुझे भी तसल्ली हो जाती है।’ हाल के सालों में आपने ज्यादातर मांओं के मुंह से इस तरह की लाइनें सुनी होंगी। आजकल ज्यादातर घरों में महिलाएं अपने बच्चे को खाना खिलाने के लिए मोबाइल का सहारा लेती हैं। फिर चाहे बच्चा किसी भी उम्र का क्यों न हो। असल बात तो ये है कि अगर बच्चा मोबाइल देखते हुए खाना खाता है, तो इसका उसकी मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य पर बुराअ सर पड़ सकता है। आइए, इस संबंध में मेडिकेयर हॉस्पिटल, नवी मुंबाई के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम (Head of Pediatric Intensive Care Department) से हम और भी जरूरी बातों पर गौर करते हैं।
एडिक्शन- Addiction
विशेषज्ञों की मानें, तो अगर बच्चे को खाना खिलाते समय मोबाइल दिखाया गया है और रोजाना इसी प्रक्रिया को जारी रखा गया है, तो इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। असल में, रोजाना मोबाइल देखने के कारण बच्चां को इसका एडिक्शन हो सकता है। यहां तक कि अगर आप छोटे बच्चे को इसी तरह खाना खिलाते हैं, तो उसे खाना खाने का यही तरीका लग सकता है।
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कम खाना या ज्यादा खाना- They Eat Too Much Or Too Little
जब हमारा ध्यान खाने पर होता है, तो हमें पता होता है कि हमें कितना खाना है और क्या खाना है। वही, अगर मांएं अपने बच्चे को खाना खिलाते समय मोबाइल दिखाती हैं, तो बच्चों को यह समझ नहीं आता है कि उन्हें कितना खाना खाना है। इस कारण वे कई बार बहुत कम खाना खाते हैं या फिर ओवर ईटिंग कर बैठते हैं। यहां तक कि कई बार बच्चों को यह भी नहीं पता होता है कि वे क्या खा रहे हैं।
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खाना का स्वाद नहीं पता चलता- Do Not Enjoy The Food Taste
खाना मुंह में लेते ही हमें सबसे पहले उसका स्वाद का अंदाजा होता है। हमें समझ आता है कि हम जो खा रहे हैं, वह हमें पसंद है या नहीं। जबकि, छोटे बच्चे को मोबाइल दिखाकर खिलाने के कारण उसे यह समझ नहीं आता है कि वह जो खा रहा है, वह स्वादिष्ट है या नहीं। आपने अक्सर देखा होगा कि मोबाइल देखते हुए बच्चे ज्यादातर चीजें खा लेते हैं। फिर चाहे उन्हें नापसंद ही क्यों न हो। रोजाना मोबाइल दिखाकर खाना खिलाना बच्चों के टेस्ट बड के लिए सही नहीं है।
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परिवार के साथ बातचीत न होना- No Family Interaction
यही कोई एक दशक पहले तक पूरा परिवार साथ बैठकर खाना खाता था। डिनर का टाइम एक तरह से फैमिली टाइम होता था। इस दौरान सभी फैमिली मेंबर्स मिलकर ढेरों बातचीत करते थे, अपनी समस्याओं का समाधान खोजते थे। इस तरह फैमिली बॉन्ड भी स्ट्रॉन्ग होता था। लेकिन, अब डिनर के टाइम इस तरह की बातें देखने को कम मिलती हैं। अगर आप बच्चे को इसी तरह खाना खिलाते वक्त मोबाइल दिखाते रहेंगे, तो वे लंच या डिनर के समय कभी भी अपनी मां के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू नहीं करेंगे और फैमिली बॉन्ड को समझ नहीं सकेंगे।
पेरेंट्स बच्चे को खाना खिलाते वक्त क्या करें?- What To Do While Feeding Kids In Hindi
पेरेंट्स को चाहिए कि वे कभी भी अपने बच्चे को खाना खाते समय मोबाइल न दे। इसके बजाय निम्न उपायों को आजमा सकते हैं-
- बच्चे को खाना खिलाते वक्त उससे ढेर सारी बातें करें।
- जब बच्चे को खुद भूख लगे, तभी उसे खाना खिलाएं।
- अगर खाना खाते समय मोबाइल देखने की जिद करे, तो आप इसे इग्नोर करें।
- खाने में क्या पसंद है, इस संबंध में बच्चे से बातचीत करें।
- आप स्वयं कभी भी खाना खाते समय मोबाइल न देखें। ध्यान रखें, बच्चे हमेशा अपने पेरेंट्स को ही फॉलो करते हैं।
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